नई दिल्ली। आपराधिक मानहानि के मामले में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने अशोक गहलोत को 4 हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी। 10 जुलाई तक ट्रायल कोर्ट में सुनवाई पर लगी रोक बरकरार रहेगी।
हाई कोर्ट ने 22 जनवरी को गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस जारी किया था। हाई कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को सुनवाई न करने को कहा था। गहलोत ने राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। 13 दिसंबर, 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट की ओर से अशोक गहलोत को जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। सेशंस कोर्ट के आदेश को गहलोत ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
सेशंस कोर्ट में सुनवाई के दौरान अशोक गहलोत की ओर से कहा गया था कि गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि मानहानि का मामला इसलिए बनता है, क्योंकि शेखावत का नाम एफआईआर में नहीं है। शेखावत का नाम चार्जशीट में भी नहीं था। 6 जुलाई को एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने शेखावत की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले पर अशोक गहलोत को समन जारी किया था। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के इसी आदेश को गहलोत ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी।
शेखावत की याचिका में कहा गया है कि अशोक गहलोत ने सार्वजनिक बयान दिया कि संजीवनी कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में शेखावत के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में आरोप साबित हो चुका है। याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी ने करीब एक लाख लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली। इस घोटाले में करीब नौ सौ करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है।
याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा कि ईडी को संपत्ति जब्त करने का अधिकार है न कि एसओजी को। एसओजी ने कई बार ईडी से संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी की संपत्ति जब्त करने का आग्रह किया है लेकिन ईडी ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि ईडी विपक्ष के नेताओं पर लगातार कार्रवाई कर रही है। गहलोत ने अपने ट्वीट में शेखावत से कहा कि अगर आप निर्दोष हैं तो आगे आइए और लोगों के पैसे वापस कीजिए।
याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने शेखावत का नाम एक ऐसी कोऑपरेटिव सोसाइटी के साथ जोड़कर चरित्र हनन करने की कोशिश की जिसका न तो वे और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य उस सोसायटी में जमाकर्ता है।