मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे एवं पूर्व सांसद नीलेश राणे ने मंगलवार को अचानक राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। 42 वर्षीय भाजपा नेता नीलेश राणे ने कहा कि उन्हें अब राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। नीलेश के इस फैसले से राजनीतिक हलके में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
नीलेश राणे ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट एक्स के जरिए दी। नीलेश ने कहा है कि जाने अनजाने में अगर उनकी वजह से किसी को ठेस पहुंची हो तो वे माफी मांगते हैं। नीलेश ने लिखा, ”आप सभी ने पिछले 19/20 वर्षों में मुझे इतना प्यार दिया है, जब कोई कारण नहीं था तब मेरे साथ बने रहने के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे भाजपा में इतना प्यार मिला और मुझे भाजपा जैसे महान संगठन में काम करने का मौका मिला। मैं एक छोटा आदमी हूं लेकिन मैंने राजनीति में बहुत कुछ सीखा है। कुछ सहयोगी हमेशा के लिए परिवार बन गए हैं। मैं जीवन में हमेशा उनका ऋणी रहूंगा।”
नीलेश ने कहा, ”मुझे अब चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है, आलोचक आलोचना करेंगे लेकिन जहां मुझे पसंद नहीं है वहां मैं अपना और दूसरों का समय बर्बाद करना पसंद नहीं करता।”
नीलेश के इस फैसले को शिवसेना (यूबीटी) के नेता और सांसद विनायक राऊत ने कहा कि वे किसी के घर में ताकझांक नहीं करते हैं। नीलेश राणे का राजनीति से संन्यास लेना उनका व्यक्तिगत मामल है। हर व्यक्ति की इच्छा के ऊपर निर्भर रहता है कि वह कब राजनीति में आए और कब संन्यास ले।
उल्लेखनीय है कि नीलेश के छोटे भाई नीतेश राणे महाराष्ट्र के कंकावली विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। नीलेश राणे रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे हैं।