नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान को विश्व स्तर पर बेनकाब करने के इरादे से भारत सरकार अपने सांसदों का प्रतिनिधिमंडल विदेश भेज रही है और इसमें सभी दलों के सांसदों को शामिल किया गया। कई ग्रुप में बंटे इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व क्रिकेटर और टीएमसी सांसद यूसुफ पठान का नाम भी शामिल था। लेकिन, पठान ने खुद को अनुपलब्ध बताकर विदेश जाने से इंकार कर दिया है।
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टीएमसी सांसद की ओर से नाम वापस लिए जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने टीएमसी सांसद का नाम वापस लेकर हिन्दुस्तान के 140 करोड़ देशवासियों के दिल पर चोट पहुंचाई है। सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, “ममता बनर्जी को क्या हो गया है? वह किसे खुश करने की कोशिश कर रही हैं? इस देश के सभी 140 करोड़ लोग राष्ट्र और हमारे सशस्त्र बलों की वीरता के साथ खड़े हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे बलों की वीरता की दुनिया भर में प्रशंसा हो रही है।
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद गठित प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य भारत की बहादुरी को उजागर करना और वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करना है। फिर भी, टीएमसी को आपत्ति है कि वे अपने सांसद को प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं बनाना चाहते हैं। हर देशभक्त ममता बनर्जी के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक मानेगा।” पाकिस्तान पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पूरी तरह से शर्मनाक हरकतें की है। उन्होंने खास तौर पर सभी धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की कोशिश की।
हालांकि, हमारी वायु रक्षा प्रणाली ने उनकी कोशिशों को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान एक नापाक राष्ट्र है, उसकी हरकतों का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान की एकमात्र विचारधारा आतंकवाद है। वे इस्लाम का चोला ओढ़कर आतंक के रास्ते पर चलते हैं। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने धर्म पूछकर पहलगाम में लोगों को मारा। हमारी सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों की पहचान और दस्तावेज सत्यापन के लिए 30 दिन की समय सीमा तय करने पर शाहनवाज हुसैन ने कहा कि गृह मंत्रालय ने बहुत अच्छा फैसला लिया है। भारत कोई धर्मशाला नहीं है, जहां कोई भी आ जाएगा। अगर कोई वैध कागजात के साथ आता है, तो उसका स्वागत है। लेकिन बिना दस्तावेज या वीजा के भारत में प्रवेश करने वालों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा।