मुजफ्फरनगर। लद्दावाला स्थित प्राचीन शिव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए आज महामाई मंदिर में एक विशेष चिंतन बैठक आयोजित की गई। यह बैठक भारी वर्षा के बावजूद संपन्न हुई और इसमें क्षेत्र के कई धार्मिक और सामाजिक नेताओं ने भाग लिया।
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बैठक का नेतृत्व योग साधना यशवीर आश्रम बघरा के पीठाधीश्वर स्वामी यशवीर महाराज ने किया। उन्होंने कहा कि लद्दावाला से हिंदुओं का पलायन और 35 वर्षों से शिव मंदिर की जर्जर स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने इस तथ्य को भी रेखांकित किया कि मंदिर में मूर्ति का अभाव हिंदू समाज के लिए चिंता का विषय है। स्वामी यशवीर महाराज ने मंदिर के जीर्णोद्धार को हर हिंदू की सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए इसे जल्द पूरा करने का आह्वान किया।
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बैठक में पुलिस और प्रशासन से भी आग्रह किया गया कि मंदिर परिसर से अतिक्रमण हटाया जाए, ताकि जीर्णोद्धार कार्य सुचारू रूप से हो सके।
मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यों को गति देने के लिए 11 हिंदू वीरों की एक समिति का गठन किया गया। यह समिति मंदिर के
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निर्माण कार्यों का नेतृत्व करेगी। समिति के सदस्यों ने यह सुनिश्चित किया कि मंदिर को पूरी तरह से नवीनीकृत किया जाएगा और इसमें सभी आवश्यक धार्मिक संरचनाओं को स्थापित किया जाएगा।
बैठक में मंदिर नवीनीकरण के तहत निम्नलिखित कार्य किए जाने की घोषणा की गई कि मंदिर पर एक सुंदर गेट लगाया
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जाएगा। परिसर में टाइल्स की स्थापना की जाएगी। संपूर्ण विधि-विधान से मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। मंदिर के चारों ओर सफाई और सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
स्वामी यशवीर महाराज ने कहा, “शिव मंदिर का जीर्णोद्धार हिंदू समाज की एकजुटता का प्रतीक होगा। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि समाज को एक नई दिशा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
बैठक में ब्रह्मचारी मृगेन्द्र, सुधीर खटीक, सुनील दर्शन सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और श्रद्धालु उपस्थित रहे।