जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के आवास पर प्राचीन मंदिर तोड़े जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले को लेकर बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) संजीव खन्ना और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से शिकायत की है। बार एसोसिएशन की ओर से एक पत्र भी लिखा गया है।
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पत्र में कहा गया है कि बिना शासन की अनुमति अथवा कोई वैधानिक आदेश पारित किए बिना मंदिर से छेड़छाड़ कर नष्ट करना देश की बहुसंख्यक सनातन प्रेमी जनता को अपमानित करने के साथ साथ शासकीय संपत्ति का विरूपण भी है। बार एसोसिएशन ने मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए।
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बार एसोसिएशन अध्यक्ष धन्य कुमार जैन ने आईएएनएस को बताया कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को जो बंगला आवंटित हुआ है उसके परिसर में एक प्राचीन मंदिर है। यहां पर पूर्व चीफ जस्टिस भी रहे और इस मंदिर में पूजा-अर्चना की। दो मुस्लिम चीफ जस्टिस भी इस बंगले में रहे। उनके कार्यकाल के दौरान भी कभी कर्मचारियों को पूजा-पाठ करने से नहीं रोका गया था। मंदिर के रखरखाव का ध्यान दिया गया।
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उन्होंने कहा, “अभी हम लोगों को जानकारी मिली है कि वर्तमान चीफ जस्टिस ने मंदिर को नष्ट करा दिया है। इस मामले को लेकर बार एसोसिएशन के वरिष्ठ वकील ने शिकायत की है।” धन्य कुमार जैन ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय कानून मंत्री और सीजेआई से इस बारे में शिकायत की है। उन्होंने कहा, “हमने मांग की है कि इस जांच होनी
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चाहिए। क्योंकि, जनता में इसे लेकर दुख है। न्यायपालिका संविधान के द्वारा हमारी धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देती है। वही न्यायपालिका हमारे अधिकारों को समाप्त करने का प्रयास करेगी, तो यह बेहद ही दुख का विषय है। इसलिए हम लोगों ने मांग की है कि इसकी जांच होनी चाहिए।”