लखनऊ। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव की शनिवार को मतगणना चल रही है। 17 में से 17 नगर निगम सीटों के शुरूआती रुझान आ गए हैं। 15 सीट पर भाजपा और एक सीट पर बसपा आगे है। जबकि एक सीट पर औवेसी की पार्टी ने बढ़त बना ली है। सपा और कांग्रेस अब सभी सीटों पर पिछड़ रही है। चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, लखनऊ से महापौर के सातवें राउंड में भाजपा प्रत्याशी सुषमा खर्कवाल आगे हैं। उन्हें 10 हजार 185 वोट, सपा प्रत्याशी वंदना मिश्रा को 9669 वोट, बसपा प्रत्याशी शाहीन बानों को 878 वोट मिले।
छठे राउंड में अयोध्या नगर निगम के भाजपा मेयर प्रत्याशी गिरीशपति त्रिपाठी 17196 वोट से आगे हैं। बरेली में पांचवें चरण की मतगणना में भाजपा प्रत्याशी आगे हैं। भाजपा को 44764 मत मिले हैं। सपा प्रत्याशी को 25057 मत प्राप्त हुए। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को 6371 वोट मिले हैं।
सहारनपुर नगर निगम में चौथे राउंड में भाजपा प्रत्याशी डॉ. अजय कुमार बसपा प्रत्याशी से 9231 वोट से आगे चल रहे हैं।
वाराणसी में भाजपा के मेयर प्रत्याशी अशोक तिवारी लगभग 7000 वोटों से समाजवादी पार्टी के ओपी सिंह से आगे चल रहे हैं।
आगरा महापौर पद की चौथे राउंड मतगणना पूरी हो चुकी है। बसपा प्रत्याशी ने करीब 22 हजार वोटों से बढ़त बना ली है। इतने मतों के अंतर को देख भाजपा के खेमे में मायूसी छाई हुई है। बसपा प्रत्याशी को मिले 54267 वोट, जबकि भाजपा प्रत्याशी को मिले 32964 वोट।
फरुर्खाबाद में मतगणना स्थल पर भाजपा और सपा समर्थकों में नोकझोंक के बाद जमकर मारपीट हुई। दोनों समर्थकों में नोकझोंक होने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे हैं।
प्रदेश की 760 नगरीय निकायों के चुनाव की मतगणना शनिवार सुबह आठ बजे से शुरू हुई। 75 जिलों के 353 केंद्रों पर लगभग 35 हजार कर्मी मतों की गणना कर रहे हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, नगरीय निकाय चुनाव 17 महापौर, 1420 पार्षद, नगर पालिका परिषदों के 199 अध्यक्ष, नगर पालिका परिषदों के 5327 सदस्य, नगर पंचायतों के 544 अध्यक्ष और नगर पंचायतों के 7178 सदस्यों के निर्वाचन के लिए हुआ था। चुनाव में 17 महापौरों और 1,401 पार्षदों के चुनाव के लिए मतदान हुआ था जबकि 19 पार्षद निर्विरोध चुने गए। राज्य में नगर पालिका परिषदों के 198 अध्यक्षों और 5,260 सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान हुआ। मतदाताओं ने नगर पंचायतों के 542 अध्यक्षों और नगर पंचायतों के 7,104 सदस्यों के भाग्य का फैसला करने के लिए भी मतदान किया। कुल मिलाकर, 162 जनप्रतिनिधि निर्विरोध चुने गए, जबकि 14,522 पदों के लिए 83,378 उम्मीदवार मैदान में थे।