लखनऊ- प्रदेश सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की माता रमा देवी का आज सुबह निधन हो गया। जमालपुर विकास खण्ड के ओडी गांव में करीब 99 वर्षीय रमा देवी ने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर लगते ही क्षेत्र में शोक की लहर छा गई। गांव में मातम पसर जाने से होली का रंग फीका पड़ गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वतंत्र देव सिंह से फोन पर बात करके शोक संवेदना व्यक्त की है। पार्टी के अन्य नेताओं ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उ.प्र. सरकार में मेरे सहयोगी स्वतंत्र देव सिंह की माताजी का निधन अत्यंत दुःखद है। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं।
मां के निधन की जानकारी होने पर मंत्री स्वतंत्र देव सिंह लखनऊ से घर के लिए तुरंत रवाना हुए। गांव पहुंच कर अपनी माता के पार्थिव शरीर को कांधा देते हुए अंतिम यात्रा को रवाना किया। रामा देवी का जन्म 1926 में सोनभद्र जनपद के देवरी नई बाजार में हुआ था। इनका विवाह ओड़ी गांव निवासी अल्लर सिंह के साथ हुआ था। रामा देवी के तीन पुत्र दद्दन सिंह, श्रीपति सिंह व स्वतंत्र देव सिंह एवं दो पुत्री भोला देवी एवं सुनीता देवी हैं।
केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल, जिलाधिकारी दिव्या मित्तल, एसडीएम चुनार नवनीत सेहरा एवं क्षेत्राधिकारी चुनार शिवानंद राय भी ओड़ी गांव पहुंचे। उनकी अंतिम यात्रा में ग्रामीणों का हूजूम उमड पडा।
मंत्री पद का दायित्व निर्वहन के दौरान जब भी स्वतन्त्र देव सिंह पूर्वांचल के दौरे पर होते थे, तो अपनी माता जी का कुशलक्षेम जानने के साथ ही आशीर्वाद लेने जरूर जाते थे। गत वर्ष 26 अगस्त को वह अपने पैत्रिक गांव पहुंचे थे। उस दौरान माता जी के साथ बैठकर मां का दुलार प्राप्त किया था। मां ने भी अपने लाल को ढेर सारा आशीर्वाद देकर मुंह मीठा कराया था।
रमा देवी का पार्थिव शरीर बुधवार शाम पंचतत्व में विलीन हो गया। वाराणसी के मोक्ष तीर्थ मणिकर्णिका घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र श्रीपति सिंह ने मुखाग्नि दी। इस दौरान घाट पर भाजपा के काशी क्षेत्र के पदाधिकारी, कार्यकर्ता परिजजनों के अलावा मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद रहे।
रमा देवी पत्नी स्व. अल्लर सिंह अपने बड़े पुत्र ददन सिंह के साथ गांव में रहती थीं। करीब एक वर्ष से वृद्धावस्था में होने वाले रोगों से ग्रसित थी। मंत्री स्वतन्त्र देव सिंह 5 भाई बहनों में तीसरे नम्बर पर हैं। सबसे बड़े भाई ददन सिंह सरकारी विद्यालय से सेवानिवृत हो चुके हैं। दूसरे नंबर के श्रीपति सिंह दरोगा पद पर तैनात रहे। तीसरे पर स्वतंत्र देव हैं। स्वतंत्र देव से छोटी उनकी दो बहने भोली सिंह और सुनीता सिंह हैं।