मेरठ। नाथ संप्रदाय के तीन साधुओं को ढोंगी और बच्चा चोर बताकर डंडे से पीटे जाने के मामले में दो दिन बाद लिसाड़ी गेट पुलिस की नींद खुल गई। पुलिस जहां इस मामले में पिटाई से ही इनकार कर रही थी, वहीं सोशल मीडिया पर पिटाई का वीडियो वायरल हुआ तो एसएसपी ने थाना प्रभारी को तलब कर कार्रवाई के निर्देश दिए। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर रिपोर्ट दर्ज की। आरोपियों के पक्ष में बड़ी संख्या में लोग थाने पहुंच गए।
पुलिस ने सख्ती करके उनको हटाया। तीनों आरोपी भाजपा नेताओं से जुड़े बता जा रहे हैं। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने पिटाई की जानकारी नहीं देने पर सीओ कोतवाली से स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं देर रात भी लोग थाने पहुंच गए और आरोपियों को छोड़ने की मांग को लेकर हंगामा किया।
लिसाड़ी गेट क्षेत्र के प्रह्लादनगर में शुक्रवार को तीन साधु घूम रहे थे। मोहल्ले के लोगों ने उनको पकड़ लिया। उनसे कहा कि वे बच्चा चुराने आए हैं। लोग तीनों को फर्जी साधु बताने लगे। साधुओं ने कहा कि वह नाथ संप्रदाय से हैं। हरिद्वार जा रहे थे, बीच में मेरठ रुक गए। उन्होंने खुद को हरियाणा के यमुनानगर दरवामाजिरी गांव निवासी गौरव, गोपी और सुनील बताया। इसके बावजूद लोगों ने उनकी बात नहीं मानी। हनुमान चालीसा सुनाने को कहा। आधार कार्ड को फर्जी बताकर दूसरे समुदाय से होने का भी आरोप लगाया। डंडों से बुरी तरह से पिटाई करनी शुरू कर दी। तीनों साधु हाथ जोड़कर गुहार लगाते रहे, लेकिन लोग उन्हें बेरहमी से पीटते रहे।
इसके बाद लोग उनको पकड़कर लिसाड़ी गेट थाने ले गए। पुलिस ने तीनों के बताए गांव में प्रधान को फोन किया तो उसने बताया कि उनके नाम गौरव, गोपी और सुनील ही हैं। वे साधु-संत हैं, गांवों में मांगकर खाते हैं। इसके बाद पुलिस ने साधुओं को छोड़ दिया।