मुजफ़्फरनगर। जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में विपक्षी जिला पंचायत सदस्यों के हंगामे एवं बहिष्कार के बीच 31 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के प्रस्ताव पारित हो गए। बैठक में जिला पंचायत सदस्य सत्येंद्र बालियान ने विकास कार्यों में भेदभाव का आरोप लगाते हुए विपक्षी सदस्यों के क्षेत्रों में विकास न कराने का आरोप लगाया। इसको लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच जमकर बहस भी हुई।
इसके चलते सत्येंद्र बालियान मीटिंग के बहिष्कार का ऐलान करते हुए बाहर निकल गए। उनके साथ कई विपक्षी सदस्य भी बाहर चले गए, लेकिन बोर्ड मीटिंग चलती रही और 31 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के प्रस्ताव पास किए गए।
चौधरी चरण सिंह सभागार में जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल की अध्यक्षता में बोर्ड मीटिंग प्रारंभ हुई। गत बोर्ड मीटिंग के कार्यों की पुष्टि के बाद एएमए पवन कुमार गोयल ने एजेंडा प्रस्तुत किया। उन्होंने एजेंडे में शामिल प्रस्ताव पढऩे प्रारंभ किए तो विपक्षी जिला पंचायत सदस्यों ने विकास कार्यों में भेदभाव का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
जिला पंचायत सदस्य सत्येन्द्र बालियान अपनी सीट से उठकर खड़े हो गये और जिला पंचायत अध्यक्ष पर विपक्षी सदस्यों के क्षेत्र में कार्यों की अनदेखी का आरोप लगाया। अन्य विपक्षी सदस्य भी सत्येंद्र बालियान के समर्थन में खड़े हो गए। सत्ता पक्ष और विपक्ष में खूब बहस हुई। सत्येन्द्र बालियान ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर मनमाने ढंग से काम करने, विपक्ष को दबाने और जनता का उत्पीडऩ करने जैसे गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने एजेंडे पर चर्चा बंद कराने की मांग की, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष की अनुमति पर बोर्ड की कार्रवाई चलती रही। उन्होंने विपक्षी सदस्यों के वार्डों में कराए गए विकास कार्यों की लिस्ट मांगी, जिसे एएमए ने मीटिंग के बाद उपलब्ध कराने की बात कही। विपक्षी सभासद सदन में कार्यों की लिस्ट उपलब्ध कराने की मांग पर अड़ गए। इस हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष सत्येन्द्र बालियान ने बोर्ड बैठक के बहिष्कार का ऐलान कर दिया। वह स्वयं और उनके साथ कई विपक्षी सदस्य भी बोर्ड बैठक का बहिष्कार कर बाहर आ गए गए। सत्येंद्र बालियान ने 13 सदस्यों के बहिष्कार करने का दावा किया।
इस तरह हंगामे के बीच जिला पंचायत बोर्ड बैठक में 31 करोड़ रुपये के विकास कार्य पारित कर दिए गए। जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल का कहना है कि सत्येंद्र बालियान हमेशा ही विरोध करते है। उनका कहना है कि उनके साथ दो तीन सदस्य ही बाहर गए, अन्य सभी मीटिंग में बैठे रहे। इसमें करीब सवा तीन सौ काम है।