मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामपुर तिराहा स्मारक स्थल पर आंदोलन के बलिदानियों की प्रतिमाएं स्थापित करने की घोषणा की है। उन्होंने शहीद स्थल के लिए भूमि दान करने वाले महावीर प्रसाद शर्मा की प्रतिमा स्थल का शिलान्यास भी किया।
उत्तराखंड में जनसंख्याकिय अनुपात को बनाए रखने और धर्मांतरण कानून लागू करने को उन्होंने बड़ी उपलब्धि करार दिया। उत्तराखंड गठन के लिए हुए आंदोलन के दौरान पुलिस की गोली से बलिदान हुए नागरिकों की 30वीं बरसी पर पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 30 वर्ष पहले नए राज्य गठन के लिए उत्तराखंड के आंदोलनकारी ने काफी यातनाएं सही। गठन के बाद आज उत्तराखंड विकास के पथ पर अग्रसर है। जिनके बलिदान से उत्तराखंड बना उन्हें कभी बुलाया नहीं जा सकता।
उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के विकल्पहीन संकल्प को मूल मंत्र मानते हुए राज्य के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है। जिन्होंने बलिदान दिया, मां की ममता छोड़ी और बहन की राखी त्याग दी। ऐसे आंदोलनकारियो को राज्य सरकार ने 10% क्षेतिज आरक्षण दिया। सक्रिय आंदोलनकारियो को पेंशन भी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य के मूल स्वरूप को बचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसलिए जनसंख्याकिय संतुलन को बनाए रखना होगा। मुख्यमंत्री ने स्मारक के लिए एक बीघा भूमि दान करने वाले पंडित महावीर शर्मा के स्मारक का शिलान्यास किया। इसके लिए मुख्यमंत्री ने 14 लाख से अधिक की धनराशि संस्कृति विभाग को आवंटित की है।
पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि आंदोलनकारी का बलिदान भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा जिस क्रूरता से तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने आंदोलन को दबाने का प्रयास किया। वह अपने आप में अलग उदाहरण है।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी, रालोद सांसद चंदन चौहान, रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा एमएलसी वंदना वर्मा, पूर्व विधायक अशोक कंसल,सत्यप्रकाश रेशू, बिजेन्द्र पाल, जगपाल सिंह, सभासद मनोज वर्मा, सतीश शर्मा शामिल रहे।