नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है की ओडिशा का कालाहांडी हमेशा चर्चा में रहता था लेकिन आज वहां के किसानों के समर्पण और त्याग के कारण कालाहांडी सब्जी क्रांति का प्रतीक बन गया है और वहां आज सैकड़ों एकड़ भूमि पर सब्जी का उत्पादन हो रहा है।
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मोदी ने आकाशवाणी से प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि पानी के अभाव वाला कालाहांडी सब्जी क्रांति का प्रतीक बन गया है और वहां पैदा की जा रही सब्जी न केवल पूरे इलाके में बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में भी पहुंच रही है।
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उन्होंने कहा ‘मैं आपको ओडिशा के कालाहांडी के एक ऐसे प्रयास की बात बताना चाहता हूँ जो कम पानी और कम संसाधनों के बावजूद सफलता की नई गाथा लिख रहा है। ये है कालाहांडी की ‘सब्जी क्रांति’ जहां कभी किसान, पलायन करने को मजबूर थे वहीं कालाहांडी का गोलामुंडा ब्लॉक आज एक ‘वेजिटेबल हब’ बन गया है। यह परिवर्तन कैसे आया। इसकी शुरुआत सिर्फ 10 किसानों के एक छोटे से समूह से हुई।
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इस समूह ने मिलकर एक एफपीओ-‘किसान उत्पाद संघ’ की स्थापना की, खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया और आज उनका ये एफपीओ करोड़ों का कारोबार कर रहा है। आज 200 से अधिक किसान इस एफपीओ से जुड़े हैं जिनमें 45 महिला किसान भी हैं। ये लोग मिलकर 200 एकड़ में टमाटर की खेती कर रहे हैं, 150 एकड़ में करेले का उत्पादन कर रहे हैं। अब इस एफपीओ का सालाना कारोबार भी बढ़कर डेढ़ करोड़ से ज्यादा हो गया है। आज कालाहांडी की सब्जियां न केवल ओडिशा के विभिन्न जिलों में बल्कि दूसरे राज्यों में भी पहुँच रही हैं और वहाँ का किसान अब आलू और प्याज की खेती की नई तकनीकें सीख रहा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा ‘कालाहांडी की यह सफलता हमें सिखाती है कि संकल्प शक्ति और सामूहिक प्रयास से क्या नहीं किया जा सकता। मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ कि अपने क्षेत्र में एफपीओ को प्रोत्साहित करें, किसान उत्पादक संगठनों से जुड़ें और उन्हें मजबूत बनाएं। याद रखिए–छोटी शुरुआत से भी बड़े परिवर्तन संभव हैं। हमें बस दृढ़ संकल्प और टीम भावना की जरूरत है।’