नोएडा। कोविड के दौरान कोविन पोर्टल के माध्यम से लोगों को टीकाकरण (वैक्सीनेशन) कराने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा प्रदान की गई थी। उसी तर्ज पर अब ‘यू-विन’ पोर्टल पर शून्य से पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों एवं गर्भवती को टीके लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्रों की जानकारी व ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दी जाएगी। इस पोर्टल के माध्यम से लाभार्थी आसानी से टीका लगवाने के लिए बुकिंग करा सकेंगे। टीका लगवाने के बाद उन्हें डिजिटल प्रमाण पत्र भी पोर्टल के माध्यम से प्राप्त होगा। यू-विन पोर्टल पर पंजीकरण के बाद नवजात शिशुओं, बच्चों (पांच वर्ष तक) व गर्भवती को देश भर में कहीं भी टीका लगवाने की सुविधा मिलेगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने दी।
सीएमओ ने कहा- यू-विन पोर्टल बच्चों एवं गर्भवती के टीकाकरण में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया- सभी वैक्सीनेटर को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। बुधवार से इस पर अमल शुरू हो जाएगा।
उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उबैद कुरैशी ने बताया – यू-विन पोर्टल या ऐप को मोबाइल में डाउनलोड कर लाभार्थी स्वयं तथा अपने परिवार के सदस्यों का पंजीकरण कर इसका लाभ उठा सकते हैं। आंकड़ों के आदान-प्रदान के लिए यू-विन पोर्टल को कोविन से भी जोड़ दिया गया है। इस कारण ज्यादातर लोगों के आंकड़े पहले से ही पोर्टल पर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया-जैसे ही आप पूर्व में कोविड टीकाकरण के वक्त कोविन एप दर्ज कराए गए अपने मोबाइल नंबर को यू-विन एप पर पंजीकृत करेंगे, वहां आपका नाम, पता, आधार नंबर आदि विवरण आ जाएगा। बच्चे की जन्मतिथि डालते ही लगने वाले टीके की पूरी सूची तारीख के साथ दिखने लगेगी।
यू-विन पोर्टल पर पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज़ –
• आधार से जुड़ा हुआ मोबाइल नंबर (माता-पिता का)
• बच्चे के मामले में उसकी जन्म तिथि की सही जानकारी
• गर्भवती के मामले में आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, पेंशन बुक, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर स्मार्ट कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, दिव्यांग कार्ड या फोटो युक्त राशन कार्ड
यूविन के फायदे –
• परिवार के सभी सदस्यों के टीकाकरण का डाटा एक साथ एक ही जगह पर उपलब्ध होगा।
• पूरे देश में टीका की आपूर्ति एवं उपयोग की केन्द्रीयकृत निगरानी हो सकेगी।
• स्वास्थ्य कार्यकर्ता के कार्यों का आकलन भी हो सकेगा।
• टीके की तारीख भूलने नहीं देगा।
• स्लॉट बुकिंग से समय भी बचेगा
• टीके की दवा की बर्बादी भी रोकेगा, क्योंकि एप में टीके की डोज की उपलब्धता का भी विवरण दर्ज होगा।