Friday, November 22, 2024

मुज़फ्फरनगर में ग्राम प्रधान मुस्तफाबाद जियाउद्दीन अहमद को उच्च न्यायालय से मिली राहत

मुजफ्फरनगर।  इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा कि नाम के आगे शेख लिख लेने से कोई ऊंची जाति का नहीं हो जाता है। जाति या वर्ग का निर्धारण व्यक्ति की पारिवारिक पृष्ठभूमि और सामाजिक स्थिति के आधार पर किया जाता है। कोर्ट ने जियाउद्दीन अहमद के मुस्तफाबाद गांव पंचायत प्रधान को पिछड़ा वर्ग की बजाए सामान्य जाति का घोषित करने के मुजफ्फरनगर जिला अधिकारी व कमिश्नर सहारनपुर के साथ ही शासन स्तरीय समिति के आदेश स्टे कर कहा कि सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद याची की जाति का निर्धारण किया जाए।

जियाउद्दीन अहमद की याचिका पर 18 जनवरी 2024 सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन  न्याय पीठ ने सुनवाई की। याची का कहना है कि वह मुस्तफाबाद मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। उसके व याची के परिवार को पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र दिया गया था। याची ने इसी आधार पर पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और जीत गया। इस आधार पर उसके पिछड़ा वर्ग का होने पर आपत्ति की गई थी ।

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