सुल्तानपुर। बिजली-पानी की समस्या के विरोध में सरकार के विरुद्ध धरना प्रदर्शन और रोड जाम के 23 साल पुराने मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और सपा के पूर्व विधायक एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता अनूप संडा समेत पांच आरोपियों के खिलाफ मंगलवार को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट मजिस्ट्रेट ने सजा के खिलाफ अपील खारिज होने के बाद आरोपियों के कोर्ट में सरेंडर न करने के कारण गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 20 अगस्त की अगली तारीख नियत की है।
कोर्ट मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा के अवकाश पर होने के कारण आत्मसमर्पण व मौके का प्रार्थनापत्र प्रभारी एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट मुक्ता त्यागी के यहां बीती तारीख पर पेश हुई थी। प्रभारी मजिस्ट्रेट ने प्रार्थनापत्र पर सुनवाई करते हुए पीठासीन अधिकारी मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा के यहां अग्रिम आदेश के लिए भेज दी थी। मंगलवार को कोर्ट मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने सुनवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में सरेंडर न करने के कारण गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। आरोपियों ने एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट के यहां हुई सजा को सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे एमपी-एमएलए न्यायाधीश एकता वर्मा ने अपील खारिज कर दोषियों को 09 अगस्त को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया था।
उल्लेखनीय है कि सुलतानपुर शहर की सब्जी मंडी के निकट ओवरब्रिज के उत्तरी छोर पर 19 जून 2001 को बिजली कटौती और पानी की समस्या के विरोध में सपा के पूर्व विधायक अनूप संडा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया था। मुकदमे में पूर्व विधायक अनूप संडा, इस समय राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, साथी संतोष, विजय कुमार, सुभाष चौधरी और कमल श्रीवास्तव पर चार्जशीट दाखिल हुई थी। लोअर कोर्ट ने सभी को तीन माह की सजा व डेढ़ हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया थी, जिसकी सजा के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील दाखिल की गई थी ।