Friday, November 22, 2024

जब बच्चे अंगूठा चूसे

अक्सर वे माएं परेशान होती देखी जाती हैं जिनके बच्चे अंगूठा चूसते हैं। बहुत छोटी अवस्था में तो बच्चों का अंगूठा चूसना अच्छा लगता है क्योंकि बच्चे शांत सोए रहते हैं पर ज्यों-ज्यों बच्चा उम्र में बढऩे लगता है तो बच्चों की इस आदत से माता-पिता की परेशानियां भी बढऩे लगती हैं। कितने ही तरीकों का प्रयोग किया जाता है कि बच्चे इस आदत को आसानी से त्याग दें।

डांट-फटकार, दूसरों के सामने अपमान, कक्षा में सभी मित्रों द्वारा अपमान, अध्यापक के बार-बार मना करने पर भी कुछ बच्चे इस आदत को नहीं छोड़ पाते। कुछ प्रतिशत बच्चे यदि यह आदत छोड़ भी देते हैं तो किसी और आदत के शिकार बन जाते हैं। इस प्रकार समझदारी दिखाते हुए माता-पिता को ऐसे बच्चों को पूरा सहयोग देना चाहिए।

बच्चे अंगूठा क्यों चूसते हैं:- अक्सर बचपन में भूख से रोते बच्चे के मुंह में जब अंगूठा चला जाता है तो वे उसे चूसकर शांत हो जाते हैं। काम करने वाली माताएं खुश रहती हैं कि इतने समय में अपना घर का काम निपटा लें जब तक बच्चा चुपचाप खेल रहा है या सोया हुआ है। सरलता से बच्चों को अंगूठा उपलब्ध हो जाने पर बच्चे इसे स्वीकार कर लेते हैं और इस आदत को अपना लेते हैं। कई माताएं बच्चों को चूसनी देकर अपने कामों में व्यस्त हो जाती हैं जिसका प्रभाव बच्चे के गले व तालू पर पड़ता है।

कुछ माताएं बच्चों की भूख प्यास की परवाह नहीं करती। जो माताएं बच्चों की भूख का समय पर ध्यान रखती हैं, उनके बच्चे इस आदत के शिकार नहीं होते। कुछ कामकाजी माताएं बच्चों से लम्बे समय तक अलग रहती हैं और उनको अपना दूध समय पर नहीं दे पाती। पीछे आया या परिवार के अन्य सदस्य उसकी भूख प्यास का पूरा ध्यान नहीं रख पाते हैं। ऐसे बच्चे भी चूसनी और अंगूठा चूसने लगते हैं।

अकेलेपन के कारण बच्चे स्वयं को असुरक्षित महसूस करते हैं। ऐसे में माता-पिता बच्चों को पूरी सुरक्षा प्रदान करें। अंगूठा चूसने वाले बच्चों का अंगूठा झट से न खींचें। पट्टी पलस्तर आदि भी न लगायें। कोई कड़वा खाद्य पदार्थ मिर्च आदि बच्चों के अगूंठे पर न लगायें। वही अंगूठा बच्चा आपसे छुपकर मुंह में डाल लेगा जो बच्चे के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

मिर्च वाले हाथ बच्चा आंख-नाक में डाल सकता है। पट्टी प्लस्तर चूस लेने पर पेट में संक्र मण होने का खतरा रहता है।
ऐसे में जब बच्चा अंगूठा चूसने लगे तो उसका ध्यान किसी दूसरी ओर लगाएं। उसके साथ खेलें और कहानी सुनाएं। बार-बार न टोकें। उसे कुछ रचनात्मक कामों में व्यस्त करें। कुछ हटकर प्यार-दुलार दें। ऐसा सब करने पर बच्चा अंगूठा चूसने की इस आदत को छोडऩे में समर्थ हो सकता है। जैसे ही शैशवास्था में बच्चे की आदत देखें, उस पर पूरा ध्यान दें। यदि भूख का समय हो गया है तो उसे खाना या दूध दें। कुछ गोदी में लेकर खेलें, बातें करें।

अंगूठा चूसने के नुकसान:-
– अंगूठा चूसने वाले बच्चों की भूख कम हो जाती है जिससे बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं।
–  हाथों और उंगलियों पर लगा गंद बच्चों के पेट में चला जाता है जिससे बच्चों का पेट खराब हो सकता है। बच्चे बार बार बीमार पड़ जाते हैं।
– ऐसे बच्चे अंतर्मुखी व शर्मीले स्वभाव के बन जाते हैं।
– चूसने वाला अंगूठा सामान्य अंगूठे से पतला लगता है।
– बच्चे दूसरों की बातों से बेखबर अपने में मस्त रहते हैं। इससे बच्चों का मानसिक विकास पूरा नहीं हो पाता।
– अंगूठा, उंगली चूसने से दांतों का आकार बिगड़ जाता है जिसका प्रभाव बच्चे की शक्ल पर पड़ता है।
– तालू और गले पर भी कुप्रभाव पड़ता है। कभी कभी बच्चे तोतला बोलना या हकलाना शुरू कर देते हैं।
– अंगूठा चूसने से मस्तिष्क के नाजुक तंतुओं में तोड़ फोड़ होती रहती है।
– बड़े होने पर अन्य लोगों के बीच बैठने पर हीन भावना के शिकार हो जाते हैं।
– ऐसे बच्चे आलसी और कमजोर होते हैं।
– सुनीता गाबा

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय