Sunday, May 19, 2024

‘लक्ष्मी’ का हथौड़ा पड़ा तो बिलबिलाया नेटवर्क, ‘लक्ष्मी’ के अगले कदम पर है अब सभी की नज़र !

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नॉएडा -पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले दो दशक से भी ज्यादा समय से ‘लक्ष्मी’ के दम पर ‘लक्ष्मी पुत्रों’ द्वारा जो एक छत्र साम्राज्य बनाया हुआ था, इस बार असली ‘लक्ष्मी’ ने उस पर प्रहार कर दिया है। ‘लक्ष्मी’ के इस प्रहार से नेटवर्क बिलबिला गया है और नोएडा समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है और अब लोगों की नज़र ‘लक्ष्मी’ के अगले कदम पर है।
दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले दो दशक से भी ज्यादा से एनसीआर में एक बड़ा नेटवर्क काम करता है। इस नेटवर्क में कई बड़े राजनेता, अफसर और मीडियाकर्मी शामिल बताये जाते है।  सत्ता बदलने के साथ कुछ दिन कभी किसी पर कुछ फर्क पड़ता हो लेकिन इस नेटवर्क का यह धंधा अनवरत जारी रहता है, बस कुछ चेहरे ज़रूर बदल जाते है। करोड़ों रुपए प्रतिदिन का होने वाला धंधा इतना प्रभावशाली है कि एनसीआर के सभी फैक्ट्री मालिक भी इनके दबाव में रहते हैं क्योंकि इन्हें एरिया के बड़े माफियाओं का भी संरक्षण प्राप्त रहता है।
गौतमबुद्ध नगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में जिस तरह से बहुचर्चित स्क्रैप कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई हुई है, उससे जनपद ही नहीं पूरे एनसीआर में उनकी जमकर प्रशंसा हो रही है।  पुलिस आयुक्त का कहना है कि स्क्रैप कारोबारी रवि काना और उसके भाई राजकुमार की भूमिका की गहनता से जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी ताकतवर क्यों ना हो। पुलिस आयुक्त के कड़े रुख के चलते जहां स्क्रैप कारोबारी और उसके गैंग के लोगों की सांसे अटकी हुई है। वही जनपद में स्क्रैप का कारोबार करने वाले छोटे-मोटे व्यापारियों और उद्योगपतियों ने राहत की सांस ली है।

 

बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश  का बहुचर्चित स्क्रैप कारोबारी रवि काना उर्फ रवि नागर और उसके भाई राज कुमार  नागर सहित तीन लोगों के खिलाफ थाना ईकोटेक -3 में मुकदमा दर्ज होने के बाद, जनपद में इस बात को लेकर चर्चा है कि क्या पुलिस रवि काना की बादशाहत को तोड़ पाएगी ?,  जिस तरह से वह बेखौफ होकर स्क्रैप व्यापारियों को धमका कर अवैध उगाही करता है तथा सरेआम लोगों को पुलिस के बड़े -बड़े अधिकारियों और नेताओं का नाम लेकर धमकाता है, क्या वह नोएडा पुलिस के शिकंजे में आ पाएगा ?

बताया जाता है कि रवि का नोएडा, गाजियाबाद, उत्तराखंड से लेकर पंजाब और छत्तीसगढ़ तक कारोबार फैला हुआ है। उसके देश के कई नेताओं, बड़े-बड़े अधिकारियों और मीडिया हाउस से जुड़े लोगों से घनिष्ठ संबंध हैं।
मालूम हो कि पूर्व पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने भी रवि  काना गैंग के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसके दाहिना हाथ कहे जाने वाले अवध बिहारी को थाना बीटा-2 पुलिस से गिरफ्तार करवाया था। उस समय अवध बिहारी की पिस्टल भी बरामद हुई थी। लेकिन कुछ दिन बाद ही रवि ने वापसी की और जब तक आलोक सिंह रहे, तब तक वह अपनी मनमानी करता रहा। उसके डर से सैकड़ों स्क्रैप व्यापारी नोएडा छोड़कर कहीं अलग व्यापार करने लगे।
चर्चा है कि गौतम बुद्ध नगर में तैनात पुलिस अधिकारी तो सिर्फ एक नाम है, उसकी पहुंच लखनऊ दरबार में अच्छी खासी है। स्क्रैप कारोबार से जुड़े लोगों के अनुसार अवध बिहारी, तरुण छोकर, अनिल, महकी आदि उसके स्क्रैप के कारोबार को संभालते हैं। रवि और उसके भाई राजकुमार नागर पूरे कारोबार को संचालित करते हैं।
सूत्रों के अनुसार पूर्व पुलिस आयुक्त ने जब रवि काना गैंग के खिलाफ कार्रवाई की थी तो उन्हें अपना कदम पीछे हटाना पड़ा था। बताया जाता है कि उसके बाद अवध बिहारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने वाले कबाड़ी की ऐसी दुर्गति हुई कि उसकी पूरी संपत्ति कुर्क कर दी गई, व उसके परिवार के लोग देश छोड़कर सऊदी में जा बसे हैं।
चर्चा है कि गौतम बुद्ध नगर के एक विधायक जो कि उक्त कबाड़ी को सपोर्ट करते थे, और उनका बेटा उसके स्क्रैप के कारोबार में सम्मिलित था, उसको भी किसी ‘बड़े’ ने जमकर फटकारा था तथा उसका राजनीतिक कैरियर हाशिए पर आ गया था।
अब नए पुलिस आयुक्त ने रवि  के खिलाफ कार्रवाई  की है, तथा उसका दाहिना हाथ कहे जाने वाले तरुण छोकर को गिरफ्तार किया  है, लेकिन रवि काना और उसके भाई राजकुमार की गिरफ्तारी न होने से लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। माना जाता है कि इस बार लक्ष्मी सिंह ने ये कार्यवाही की है और लक्ष्मी सिंह अपनी बेदाग और दमदार छवि और अपनी मजबूत राजनीतिक हैसियत के चलते शायद ही किसी दबाव में आ पाएंगी और इस बड़े नेटवर्क को ध्वस्त करने में सफल हो जाएँगी।

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