नई दिल्ली। आईपीएल 2025 से पहले होने वाले मेगा ऑक्शन को लेकर फैंस और फ्रेंचाइजी के बीच काफी उत्साह है, खासकर चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के फैंस के लिए। महेंद्र सिंह धोनी का भविष्य आईपीएल की रिटेंशन पॉलिसी पर निर्भर करता है, और उनके भविष्य को लेकर चर्चाएं जारी हैं।
चेन्नई सुपर किंग्स का आईपीएल 2024 में लीग स्टेज में ही सफर खत्म हो गया था, जिससे धोनी के आईपीएल करियर को लेकर सवाल उठने लगे। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि CSK धोनी को रिटेन करने के लिए तैयार है। धोनी के प्रशंसकों को उम्मीद है कि वह एक बार फिर मैदान में उतरेंगे, जबकि कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि उनका समय अब पूरा हो चुका है।
बीसीसीआई की ओर से रिटेंशन पॉलिसी को लेकर कोई अंतिम घोषणा नहीं हुई है, और जब तक पॉलिसी सामने नहीं आती, तब तक धोनी के भविष्य पर स्पष्टता नहीं आ पाएगी। CSK की ओर से धोनी के साथ क्या योजना बनती है, यह देखने लायक होगा।
बीसीसीआई फिलहाल आईपीएल 2024 के लिए फ्रेंचाइजी से मिले अनुरोधों और सुझावों पर विचार कर रहा है। खिलाड़ियों की रिटेंशन संख्या को लेकर फ्रेंचाइजियों के बीच विभाजन है, जहां कुछ फ्रेंचाइजी इसे आठ तक बढ़ाने की मांग कर रही हैं, जबकि कुछ फ्रेंचाइजी किसी खिलाड़ी को रिटेन करने के इच्छुक नहीं हैं। बीसीसीआई इस मामले में निर्णय लेते समय सभी हितधारकों के हितों का ध्यान रखेगा, और अंतिम रिटेंशन संख्या पांच या छह के बीच तय हो सकती है।
इसके अलावा, कुछ फ्रेंचाइजियों ने रिटायर हो चुके खिलाड़ियों को ‘अनकैप्ड’ के रूप में वर्गीकृत करने का अनुरोध भी किया है, जिसमें विशेष रूप से चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) फ्रेंचाइजी ने इस पर जोर दिया है। इस मामले में भी बीसीसीआई के निर्णय का इंतजार है, क्योंकि इससे टीमों के खिलाड़ी चयन की रणनीतियों पर प्रभाव पड़ेगा।
सुपरकिंग्स ने बीसीसीआई से पुराने नियम को वापस लाने का आग्रह किया था जिसके तहत संन्यास ले चुके खिलाड़ी को अनकैप्ड खिलाड़ियों की श्रेणी में रखा जा सकता है। सीएसके ने यह उम्मीद करते हुए अनुरोध किया कि नियम की वापसी से उन्हें एमएस धोनी को सस्ती कीमत पर बनाए रखने की अनुमति मिलेगी। हालांकि, इसको अन्य चुनौतियां भी हैं। क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई सितंबर के अंत तक रिटेंशन नियमों की घोषणा को टालने के लिए तैयार है। इससे पहले अगस्त की डेडलाइन थी। बोर्ड कथित तौर पर सीएसके के अनुरोध पर गंभीरता से विचार कर रहा है क्योंकि धोनी के एक खिलाड़ी के रूप में एक और साल का विस्तार से न केवल फ्रेंचाइजी को बल्कि आईपीएल को भी फायदा होगा।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि धोनी को रिटेन करना सीएसके के लिए सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। बीसीसीआई अगर फ्रेंचाइजी को सिर्फ दो रिटेंशन की अनुमति भी देता है तो भी थाला को बरकरार रखा जाएगा। जहां तक अनकैप्ड खिलाड़ियों को रिटेन करने की लागत का सवाल है तो बीसीसीआई रिटेन किए गए खिलाड़ियों की संख्या के आधार पर फ्रेंचाइजी के पर्स से बैलेंस काटने पर विचार कर रहा है, न कि रिटेन किए गए खिलाड़ियों के पैसे को ध्यान में रखते हुए। इस तरह से फ्रेंचाइजी फैसला कर पाएंगी कि उन्हें रिटेन किए गए खिलाड़ियों को कितनी राशि दी जाए। ऐसे में धोनी को कैप्ड या अनकैप्ड खिलाड़ी के रूप में बनाए रखा जाता है तो जो भी पैसे उन्हें मिलेंगे वह उनका और सीएसके का फैसला होगा।