आशा ही जीवन है और निराशा ही मृत्यु है। मनुष्य सदैव आशावादी हो, आशा को हाथ से न छोड़े। बड़ी से बड़ी विफलता में भी घबराये नहीं। रात के बाद दिन आयेगा, शीत के पश्वात बसंत आयेगा, तूफान के पश्चात शान्ति का सूर्य उगेगा, मृत्यु के पश्चात जीवन की नई कली खिलेगी और दुख के काले बादलों के पश्चात सुख का प्रकाश आयेगा, यह निश्चित है।
आशावादी ही साहस, वीरता और धैर्य के गुणों का स्वामी होता है, वह कभी हार नहीं मानता। जीवन में सफलता भी उन्हीं को मिलती है, जिनमें ये गुण विद्यमान हैं।
ये गुण उन्हीं व्यक्तियों में पाये जाते हैं, जिन्हें ईश्वरीय सत्ता पर दृढ और अटल विश्वास हो। जो ऐसा माने की वही एक परम शक्ति है, वही इस विश्व का कर्णधार है, उसी की इच्छा सर्वोपरि है, वह उसे रोग में, दुख-क्लेश में, और यहां तक कि मृत्यु के समय भी वह उसे अपने पास खड़ा अनुभव करेगा। जीवन भी उसी का सफल है। वह असफलता का मुख कभी देखता ही नहीं।