इस जीवन में अनेक आवश्यकताएं , इच्छाएं मनुष्य में जगती हैं जिनकी पूर्ति के लिए मनुष्य इस संसार में तरह-तरह के कर्म करता है, भटकता है, भ्रमित भी होता है, जिसके कारण दुख भी भोगता है। प्रभु से प्रार्थना है कि जो इच्छा हमारी उन्नति कराये, हम आपको प्रेम कर सके, आपके स्मरण द्वारा अपने भीतर शान्ति ला सके, हम अपना और दूसरों का उद्धार कर सके, उस इच्छा शक्ति को आप हमें प्रदान कीजिए।
हे प्रभो आप हमें वह सुबुद्धि प्रदान कीजिए, जिसके प्रकाश में हम उचित निर्णय लेकर उत्तम पथ पर अग्रसर हो सके। हे प्रभो ऐसी सुमति प्रदान कीजिए कि हम अच्छे-बुरे का भेद कर सके और सत्कर्म करने की शक्ति हमारे भीतर बनी रहे। हे दयानिधे आप ऐसी कृपा करे कि जिससे जीवन के अंतिम भाग तक हमारा शरीर कर्मशील बना रहे, कर्मठ बना रहे, हम सेवा करते रहे, लेकिन सेवा कराये नहीं।
सदैव चेहरे पर मुस्कान, माथे पर शीतलता और वाणी में माधुर्य बना रहे। हे दाता इतनी धन समृद्धि अवश्य प्रदान करना कि हमारे हाथ कभी दूसरों के आगे फैले नहीं और हमारे कार्य पूर्ण होते रहे। हमें भक्ति और प्रसन्नता का दान देना, आंखों में ऐसी प्रेम दृष्टि देना, जिससे हम द्वेष, घृणा से ऊपर उठकर जी सके। जहां भी जाये शान्ति की सुखद छाया चारों ओर फैला सके, प्रभो ऐसा आशीर्वाद प्रदान करें। आपसे हमारी यही विनती है, यही याचना है, इसे कृपया स्वीकार कीजिए।