Saturday, May 18, 2024

अनमोल वचन

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

जब तक जीवन है अपने लिए, समाज के लिए, राष्ट्र के लिए उपयोगी बने रहे। जो व्यक्ति इस समाज के लिए व्यर्थ और अनुपयोगी है वह परलोक में भी अपनी सार्थकता सिद्ध नहीं कर सकता। जो इस वर्तमान जीवन की समस्याएं हल नहीं कर सका वह पारलौकिक जीवन की समस्याओं का समाधान कैसे करेगा। सुखी जीवन के लिए भय और निराशा से मुक्त होना सबसे पहली शर्त है। जिसे जीवन में भय लगता है, उसके मृत्यु के बाद के जीवन में भी नैराथ्य का भाव बना रहेाग, क्योंकि वह जीव (आत्मा) जहां भी जायेगा। अपने साथ यही मन:स्थिति और यही प्रवृत्ति लेकर जायेगा। एक उदास और निराश व्यक्ति जिधर भी जायेगा निराशा और उदासी उसका साथ नहीं छोडेगी। जो सत्य और प्रेम के लिए अपने द्वार बंद रखता है वह कदापि ईश्वर की ज्योति नहीं पा सकता। ईश्वर सबके हृदय में विद्यमान है। इसलिए हमें किसी से भी घृणा नहीं करनी चाहिए, किन्तु ऐसा तो वह कर पायेगा, जो विकारों से रहित हो गया है। प्रभु को रिझाने के लिए केवल मन का नहीं, बल्कि स्वच्छ और पवित्र मन का होना आवश्यक है। कुछ लोग निराशा में आत्म हत्या जैसा जघन्य पाप कर बैठते हैं, परन्तु उसकी निराशा के वे कारण तो उसका पीछा नहीं छोडेंगे वे पारलौकिक जीवन में भी विद्यमान रहेंगे। इसलिए ऐसे कुविचार को मन में न आने दे तथा प्रभु को समर्पित होकर अपने मन को पवित्र बनाये ताकि लौकिक जीवन के साथ-साथ पारलौकिक जीवन में भी शान्ति प्राप्त हो।

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