किसी के उपकार के बदले कृतज्ञता व्यक्त करना एक प्रमुख मानवीय गुण है। यह विनम्रता का परिचायक माना जाता है। जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफल होने की आकांक्षा रखने वालों के लिए जरूरी है शुक्रिया कहना, धन्यवाद देना और आभार जताना सीखना।
इसमें सफलता की राह सरल बनाई जा सकती है, जो कृतज्ञता महसूस करते हैं, अपने ऊपर किये गये छोटे से उपकार को भी याद रखते है, उनमें अपनत्व की सम्भावनाएं अधिक होती है। आभार व्यक्त करना एवं महसूस करना एक ऐसी संवेदना है, जो न केवल बेहतर जीवन की राह खोलती है, बल्कि हमें अपनी परेशानियों में भी सुकून महसूस कराती है, जो लोग आभार व्यक्त करना जानते हैं वे जीवन जीने की कला में पारंगत हो जाते हैं।
उन्हें जीना आ जाता है। तकलीफों और परेशानियों को वे जीवन का हिस्सा मानते हैं। उन्हें ज्ञान हो जाता है कि दुख और सुख, कष्ट और आनन्द दिन-रात की तरह आते-जाते रहते हैं। साथ ही उन्हें भरोसा होता है कि वे अपनों की बदौलत उस मुश्किल वक्त को भी पार पा लेंगे।
ऐसे भाव से आप शारीरिक और मानसिक रूप से अपने भीतर परिवर्तन महसूस करेंगे। एक अध्ययन के अनुसार ऐसे लोग जो अपने जीवन में शुक्रिया शब्द का अधिक उपयोग करते हैं वे जीवन में आने वाली कठिनाईयों के साथ बेहतर ढंग से तालमेल बिठा लेते हैं। उन्हें शुभचिंतकों का सहयोग भी आसानी से मिल जाता है।