किसी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए केवल शुक्रिया, धन्यवाद अथवा थैंक यू जैसे शब्दों का प्रयोग ही तो करना पड़ता है, जिसमें कुछ धन भी खर्च करना नहीं पड़ता।
हृदय की सच्ची भावनाओं से प्रकट किया गया आभार बहुत प्रभावशाली होता है, कारागर होता है। यदि आप किसी बुरे समय से गुजर रहे हैं तो धन्यवाद का एक शब्द आपके मस्तिष्क को एक ऊर्जा प्रदान करेगा, सोचने की शक्ति को बढ़ायेगा और आपको लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करने की क्षमता प्रदान करेगा।
यदि आप प्रत्येक दिन शुक्रिया से आरम्भ करते हैं, प्रथम भगवान को, जिसने योनियों में सर्वश्रेष्ठ योनि प्रदान की है, आपको प्रत्येक दिन नया जीवन दिया है और उसके बाद सांसारिक व्यवहार में और इसका क्षेत्र बढ़ता रहता है। धन्यवाद और कृतज्ञता का दृष्टिकोण हमारी सोच और जीवन को विस्तृत बनाता है।
आप सौभाग्यशाली हैं कि आपके पास परिवार, मित्र, स्वास्थ्य, नौकरी, व्यापार और घर है। आपको इन सबके लिए प्रभु, का आभारी होना चाहिए। आपको कृतज्ञ होना चाहिए कि आप पृथ्वी के सभी सुखों का आनन्द उठा सकते हैं। स्वादिष्ट भोजन का लुत्फ उठा सकते हैं। अपनी अभिरूचियों एवं अभिव्यक्तियों को नया आयाम दे सकते हैं।
रिश्तों को ओर बेहतर बना सकते हैं एवं परलोक के जीवन को उन्नत बनाने के लिए पुण्य कर्म कर सकते हैं, क्योंकि परमेश्वर ने सृष्टि की श्रेष्ठ योनि प्रदान की है, जिसमें कर्म किये जा सकते हैं। पुण्य पाप का भेद करने के लिए विवेक शक्ति रूपी आभूषण से अलंकृत किया है।