Saturday, April 19, 2025

अनमोल वचन

जो हम संसार को देते हैं अच्छाई अथवा बुराई वह कई गुणा होकर हमारे पास ही आती है। यही तो कर्तव्य विज्ञान, धर्म विज्ञान और जीवन विज्ञान है, जो हम दूसरों के साथ करते हैं अच्छा या बुरा वह कई गुणा होकर हमारे साथ भी होगा, अभी हो अथवा फिर कभी हो पर होगा अवश्य। यही तो कर्म भोग सिद्धांत है।

इसलिए सबके शुभ की सोचो और शुभ ही करो, परन्तु समस्या यह है कि अपनी इच्छाओं की पूर्ति में हम शुभ-अशुभ का विचार त्याग देते हैं। हमारी इच्छाएं पूरी होनी चाहिए उसके लिए मार्ग कोई भी चुनना पडे। यही से बुराई का प्रारम्भ हो जाता है।

कर्तव्य विज्ञान का यही आदेश है कि हम अपनी इच्छाओं को सीमित करें और उन्हें सच्चाई और ईमानदारी के मार्ग पर चलते हुए पूरा करने का प्रयास करना चाहिए। यदि इच्छा पूर्ति का सुख लेते रहेंगे चाहे उसका रास्ता कोई भी हो इच्छाएं पुन:पुन: उत्पन्न होती रहेगी, यह चक्र कभी टूटेगा नहीं।

जिन इच्छाओं का सम्बन्ध वर्तमान से है, जिनके पूरा किये बिना जीवन की गाड़ी नहीं चल सकती, जिनकी पूर्ति के साधन प्राप्त हो, जिनसे किसी का अहित न होता हो उसके अतिरिक्त सभी इच्छाओं का त्याग कर देना ही श्रेष्ठ है।

यह भी पढ़ें :  साप्ताहिक राशिफल- 14 से 20 अप्रैल 2025 तक
- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय