Sunday, January 5, 2025

अनमोल वचन

सफल और सार्थक जीवन के लिए पुरूषार्थी और कर्मठ होना जरूरी है। पुरूषार्थ जीवन की अनिवार्य शर्त है। पैरों में गति होती है तो मन में मति होती है। गति और मति से मानव जीवन सफल और सार्थक होता है। यही कारण है कि हमारे सभी संत और मनीषियों ने जीवन को गतिमान बनाये रखने की प्रेरणा दी है। गति दो प्रकार की होती है एक निरूद्देश्य दूसरी सोद्देश्य निरूद्देश्य गति में मनुष्य को यह पता नहीं होता कि उसे जाना कहां है? जैसे कोल्हू का बैल आंख बंद किये एक परिधि में घूमता रहता है। वह चलता है, परन्तु उसका चलना उसके लिए कोई अर्थ नहीं रखता। वास्तव में वह चलकर भी चलता नहीं है। इसी से एक कहावत बन गई कि ‘यह तो कोल्हू का बैल है। सोद्देश्य चलने में व्यक्ति को पता रहता है कि उसे कहां जाना है, किस उद्देश्य से जाना है। उसकी एक मंजिल होती है, एक लक्ष्य होता है, इसलिए चलने का उद्देश्य भी होता है। ऐसा आदमी प्रत्येक क्षण का मूल्य जानता है और वह उस क्षण का भरपूर उपयोग करता है। हम जिन्हें अपना आदर्श मानते हैं उन महामानवों ने कभी प्रमाद नहीं किया, खूब काम किया और इतना किया कि लोग देखकर चकित हो गये।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,684FansLike
5,481FollowersFollow
137,217SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!