कार्य सम्पादन में कोई न कोई भूल सभी से हो सकती है। की गई भूल हमारी चिंता और पश्चाताप का कारण न बने उसके लिए आवश्यक है कि बीती बातों को भूलकर भविष्य को संवारने के लिए हम वर्तमान में किसी तात्कालिक विषय पर केन्द्रित हो जायें प्रति सप्ताह सप्ताहांत या अन्य किसी दिन के लिए ऐसी कोई योजना बना लीजिए जो आपके लिए आकर्षक और मनोरंजक हो।
उसकी सफलता के पश्चात अन्य कोई दूसरी योजना बनाये। इस प्रकार छोटी-छोटी योजनाओं की सफलता दीर्घकालिक योजना के क्रियान्वयन की प्रेरणा आपको देगी। एक विशेष उपाय अतीत की भूलों को विस्मृत करने का यह है कि आप समाज की कुछ सेवा करने की सोचे। मन में विचार करें और स्वयं से पूछे ‘मैं अपने को दूसरों के लिए उपयोगी बनाने के लिए कौन सा कार्य कर सकता हूं।
आपके मन में बहुत से विचारों का उदय होगा। उनमें से अपनी क्षमता और समय की उपलब्धता के अनुसार कुछ कार्यों का चुनाव करें। इनको करते हुए जो आत्मानुभूति और संतोष प्राप्त होगा, वह आपके चिंतन की धारा को ही बदल देगा। प्रभु की विशेष कृपा भी आपको प्राप्त होगी, जिससे आपके जीवन की सफलता का मार्ग प्रशस्त होगा।