Wednesday, January 22, 2025

नगर पालिका देवबंद में हुए करोड़ों के कथित घोटाले की कराई जाएगी जांच : चेयरमैन विपिन गर्ग

देवबंद (सहारनपुर)। देवबंद नगर पालिका परिषद के वर्ष 2017-18 के वित्तीय वर्ष में सफाईकर्मियों के भुगतान के मामले में गठित रूप से बड़ी हेराफेरी सामने आई हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को स्थानीय निधि लेखा परीक्षक विभाग की जो रिपोर्ट पेश की गई उसके मुताबिक नगर पालिका देवबंद में वर्ष 2017-18 में 60 सफाई कर्मचारियों के लिए ठेकेदार साकिर कुरैशी को अनुमानित धनराशि 55.96 लाख रूपए का ठेका दिया गया था। विधानसभा में पेश रिपोर्ट में बताया गया कि भुगतान एक करोड़, 38 लाख रूपए से अधिक का किया गया। जिस कारण नगर पालिका देवबंद को 82.46 लाख रूपए की आर्थिक हानि हुई। पेश रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि नगर पालिका में ही जलकर, गृहकर के रूप में 64.25 लाख रूपए का आर्थिक नुकसान पहुंचा है।

 देवबंद नगर पालिका के कर्मचारी महबूब आलम, अब सेवानिवृत्त पर आरोप है कि उसने अपने ग्रेड-पे से अधिक वेतन निकाल लिया जिससे पालिका को 64 लाख रूपए का नुकसान हुआ। इस मामले में आज जब नए पालिकाध्यक्ष भाजपा के विपिन गर्ग से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह लखनऊ में हैं और देवबंद के क्षेत्रीय विधायक, पीडीडब्ल्यू मंत्री कुंवर बृजेश रावत ने इस घपले को गंभीरता से लिया हैं और वह मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कराएंगे। उधर इस संवाददाता ने घोटाला सामने आने के बाद पूरे मामले की जांच-पड़ताल की तो पता चला कि जो भुगतान नगर पालिका से निकाला गया है वह तीन पालिकाध्यक्षों की अवधि का है। अप्रैल 2017 में सफाई का ठेका जब साकिर कुरैशी को दिया गया उस वक्त पालिका के चेयरमैन माविया अली थे। उस समय यह ठेका सफाईकर्मियों के लिए 55.69 लाख रूपए में दिया गया था।

बाद में हुआ यह कि सफाईकर्मियों ने यह कहते हुए जून-जुलाई माह में हड़ताल कर दी कि काम ज्यादा है और सफाईकर्मियों की संख्या कम है जिसे बढ़ाया जाए। फिर माविया अली ने नगर पालिका के बोर्ड में प्रस्ताव पास कराया और सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाकर 110 कर दी गई इसमें कुछ कर्मचारी जल विभाग और कंप्यूटर विभाग में भी रखे गए और ठेके की रकम बढ़ाकर एक करोड़ 83 लाख रूपए कर दी गई। उस दौरान पालिका में अधिशासी अधिकारी के पद पर ओमप्रकाश नियुक्त थे उनके बाद पालिका के कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी राजीव जैन पर अधिशासी अधिकारी का भी कार्यभार रहा। सितंबर 2017 में माविया अली की पत्नी जहिर फातमा पालिकाध्यक्ष बन गई और वह चुनाव होने तक पालिकाध्यक्ष रही। दिसंबर 2017 में नए पालिकाध्यक्ष जियाउद्दीन अंसारी बन गए और उनके समय में बोर्ड की पहली बैठक जनवरी 2018 में हुई। इस तरह से एक करोड़ 38 लाख रूपए की रकम का भुगतान तीन पालिकाध्यक्षों के कार्यकाल में हुआ। सफाईकर्मी का यह ठेका अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक एक साल की अवधि के लिए था। बाद में सफाई का ठेका नए ठेकेदार असजद को दे दिया गया। इस गड़बड़ घोटाले के बारे में पूर्व चेयरमैन जियाउद्दीन अंसारी ने बताया कि उनके कार्यकाल में कोई गबन या घोटाला नहीं हुआ।

उन्होंने जो भी काम किया नियमानुसार किया और वह किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हैं। जियाउद्दीन अंसारी ने यह भी बताया कि पालिका के जिस कर्मचारी पर ग्रेड-पे से अधिक वेतन लेने का आरोप लगा है वह सेवानिवृत्त कर्मचारी महबूब आलम हैं। जो उस वक्त वेतन बनाने के पद पर क्लर्क के रूप में कार्यरत्त था। उस पर आरोप है कि उसने ग्रेड-पे से 61 लाख रूपए वेतन से अधिक निकाल लिया। हाल ही में संपन्न हुए नगर पालिका के चुनाव में भाजपा के विपिन गर्ग ने माविया अली की पत्नी, पूर्व चेयरमैन जहिर फातमा को बेहद रोमांचक मुकाबले में कई हजार वोटों से पराजित कर दिया था। विपिन गर्ग ने आज फिर कहा कि वह नगर पालिका से भ्रष्टाचार को मुक्त करेंगे और देवबंद में उन क्षेत्रों को विकास की धारा में शामिल करेंगे जिनका पिछले 30-40 सालों में पूरी तरह से अनदेखी हुई।

 

उन्होंने हाल ही में धार्मिक स्थलों वाले क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता की कई सड़कों का निर्माण भी कराया। उन्होंने आज कहा कि पिछले पालिकाध्यक्षों के समय में जो भी घोटाले, भ्रष्टाचार हुए हैं। उनकी जांच कराकर कठोर दंड भी दिलवाएंगें।

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