गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि छह वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश में निवेश दूर की कौड़ी थी। लचर कानून व्यवस्था के चलते लोग यहां उद्योग लगाने, कारोबार करने में डरते थे। जब उद्यमी और व्यापारी ही सुरक्षित नहीं थे तब उनकी पूंजी कैसे सुरक्षित रहती। बाहर से निवेशकों का यहां आना तो दूर, यहां के उद्यमी-व्यापारी भी भाग रहे थे। पर, छह सालों में यूपी की कानून व्यवस्था पूरे देश में नजीर बनी है। हर निवेशक यूपी आना चाहता है, अधिकाधिक निवेश करना चाहता है। फरवरी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मिला 36 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव इसका प्रमाण है।
मुख्यमंत्री योगी शनिवार को गीडा सेक्टर 26 में मेसर्स केयान डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड के 1200 करोड़ रुपये के निवेश वाले एथेनाल व ईएनए प्लांट का भूमिपूजन व शिलान्यास करने के बाद यहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि छह साल पहले सपा-बसपा की सरकारों में यूपी के लोगों के सामने पहचान का संकट था। यहां के नौजवानों को देश में कोई ठौर ठिकाना नहीं था। दूसरे राज्यों में लोग किराए पर मकान नहीं देना चाहते थे। हॉस्टल मिलने में दिक्कत होती थी। उसे पहचान छुपाने को मजबूर होना पड़ता था। आज नौजवानों के सामने पहचान का कोई संकट नहीं। वह शान से खुद को यूपी वाला बताता है।
उन्होंने कहा कि फरवरी माह में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर 10 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था लेकिन यूपी में निवेश के प्रति बढ़े आकर्षण से 36 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। इस निवेश से एक करोड़ नौजवानों को नौकरी व रोजगार की सुविधा मिलेगी। यूपी के नौजवानों को मुंबई, पंजाब, सूरत या बेंगलुरु जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उसे अपने ही जिले में रोजगार मिल जाएगा।