आज महाशिवरात्रि है, इसलिए हमें शिव के उपकारों का स्मरण करते रहना चाहिए, किन्तु हम कृत्घ्न है, क्योंकि हम सृष्टि के आधार शिव के उपकारों को भूल गये हैं। शिवमय होने के सापेक्ष अनर्गल कार्यों में ही शिव प्रदत्त शक्तियों का दुरूपयोग कर रहे हैं। इसी कारण भ्रष्टाचार, व्यभिचार और आतंकवाद का बोलबाला है। शिव पूजा का ढोंग भी कर रहे हैं, किन्तु कुमार्ग से हटकर सन्मार्ग की राह पर नहीं चल पा रहे हैं। हम भूल गये हैं कि शिव रूद्र भी हमारे पापों का दंड देकर हमें रूलायेगा भी। हे शिवा अपना रोद्र रूप दिखाओ और देश में वर्तमान पापियों, भ्रष्टाचारियों, व्यभिचारियों और आतंकवादियों के रूप में स्वतंत्र घूम रहे भस्मासुरों का अन्त करो। हम यह भी भूल गये हैं कि पूजा अभिषेक और आरती, आराधना सब निमित्त हैं, अभीष्ट नहीं। अभीष्ट है शिव तत्व, लोक कल्याण किन्तु हम तो अपने स्वयं के समाज के, देश के अकल्याण के कार्यों में ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाये हुए हैंं। आप हमें सच्चे शिव की पूजा का भान कराईये, जिससे हमारा आचरण शुद्ध हो और हम समाज एवं राष्ट्र के हित में अपनी ऊर्जा लगाये। हे शिव हमें शक्ति दे, इतनी क्षमता दे ताकि हम राष्ट्र धर्म निभा सके, क्योंकि हम इसी की मिट्टी का अन्न खाते हैं, इसी का पानी पीते हैं और इसी की फिजां में सांस लेते हैं।