यदि कोई व्यक्ति नेत्रहीन है तो इसका अर्थ यह नहीं कि वह अंधकार में है, उसे प्रभु ने ज्ञान के चक्षु प्रदान किये हैं। यदि बहरा है तो मत समझिये उसे कुछ सुनाई नहीं देता, उसे भी अन्तरात्मा की आवाज स्पष्ट सुनाई देती है। गूंगा है, वाणी से बोल नहीं पाता तो उसका अर्थ यह भी नहीं वह अपने मन्तव्य को दूसरों को समझा नहीं पायेगा। गूंगों के पास भी संकेतों की भाषा है। कुछ करने के लिए कुछ पाने के लिए दृढ संकल्प चाहिए। शारीरिक अपंगता उन्हें लक्ष्य सिद्धि से रोक नहीं पाती। वे ऐसा कुछ कर जाते हैं, जिनसे मानवता सदैव लाभ उठाती है। शरीर से स्वस्थ से स्वस्थ व्यक्ति भी यदि मन से हार जाता है तो वह संसार में कभी भी किसी कार्य को सफलता की मंजिलों तक नहीं पहुंच पाता। परमात्मा ने सभी को असीम क्षमताएं प्रदान की हैं। कितने लोग हैं, जो उन क्षमताओं का सदुपयोग कर दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाते हैं। थामस अल्वा एडीसन किसी दुर्घटना से बहरे हो जाने के बाद भी सक्रिय रहे। उन्होंने अनेक यंत्रों का आविष्कार किया। वह मन से नहीं हारे। इसलिए आज संसार उनके आविष्कारों का लाभ उठा रहा है।