Monday, April 28, 2025

अनमोल वचन

आज राम नवमी है। राम चरित मानस में उद्घृत है ‘प्रात: काल उठिके रघुनाथा मातृ पिता गुरू नावहि माथा अर्थात श्रीराम प्रात:काल में उठकर माता-पिता और गुरू को अपना शीश नवाते हैं। प्रश्र पैदा होता है कि जब श्रीराम भगवान कहलाते हैं तो क्यों इन सबके पैर छूते हैं? उत्तर बड़ा सरल है। राम के समकालीन अथवा इनके  बाद भी न जाने कितने बालक अथवा व्यक्ति हुए है, परन्तु हम केवल राम को जानते हैं। क्या हम श्रीराम को इसलिए जानते हैं कि राम एक प्रसिद्ध राजा के पुत्र थे अथवा एक प्रसिद्ध कुल में उत्पन्न हुए थे। संसार में न जाने कितने पराक्रमी तथा वैभवशाली राजा हुए, परन्तु हम उन्हें कहां जानते हैं। यदि हम श्रीराम को जानते हैं तो उनके विशिष्ट व्यक्तित्व एवं उनके एदात्त गुणों के कारण जानते हैं और उन्हें भगवान के रूप में भी मानते है। बालक राम माता-पिता, गुरूजनों तथा अग्रजनों को शीश नवाते हैं। उनमें आदर, सम्मान, अभिवादन तथा शिष्टाचार के संस्कार हैं। ऐसा बालक सबका आशीर्वाद और स्नेह पाता है, जो किसी को भी ऊंचाई पर ले जाने में सक्षम है। बडे होकर भी श्री राम ने मर्यादाएं स्थापित की। इन्हीं कारणों से उन्हें भगवान के रूप में पूजा जाता है।

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