Thursday, January 23, 2025

गोवा में महिला कलाकारों ने मंत्री पर ‘अपमान’ करने का लगाया आरोप, कैबिनेट से की हटाने की मांग

पणजी। गोवा में प्रसिद्ध महिला अभिनेताओं ने यह आरोप लगाते हुए कि कला और संस्कृति मंत्री गोविंद गौडे ने राज्य पुरस्कार प्रदान करने के मुद्दे पर कला, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र की महिलाओं का अपमान किया है, उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है।

गौडे ने प्रतिष्ठित गोवा राज्य सांस्कृतिक पुरस्कार के 12 प्राप्तकर्ताओं के नामों की घोषणा की, जिनमें से सभी पुरुष हैं, एक भी महिला नहीं।

फिल्म निर्माता-अभिनेत्री ज्योति कुनकोलिएनकर ने प्रशंसित अभिनेत्री सुचिता नार्वेकर और कार्यकर्ता औडा वीगास के साथ बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और महिलाओं का ‘अपमान’ करने के लिए गौडे को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की।

ज्योति ने कहा, “हमने इस मुद्दे पर जो महसूस किया, वहीं बात कही। इसके बाद मंत्री ने (हमारा विरोध करते हुए) कहा कि कोई भी ‘सक्षम’ महिला नहीं थी, जो पुरस्कार के लायक हो। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या कोई नियम है कि पुरस्कार महिलाओं को भी दिए जाने चाहिए?” उन्‍होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या ऐसा कोई नियम है कि पुरस्कार केवल पुरुषों को दिया जाना चाहिए?”

उन्होंने मंत्री के उस कथित बयान को भी खारिज कर दिया कि पुरस्कारों के लिए हजारों आवेदन प्राप्त हुए थे।

ज्योति ने कहा, “अधिकतम 120 आवेदन प्राप्त किए जा सकते हैं। इससे ज्‍यादा नहीं।” उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से इस मुद्दे पर स्पष्‍टीकरण के साथ सामने आने और पुरस्कारों के लिए आवेदन करने वालों के नामों की घोषणा करने का अनुरोध करती हूं।”

सुचिता नार्वेकर के अनुसार, गौडे ने यह भी कहा कि जब पुरस्कारों पर निर्णय लेने की बात आती है तो यह महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण वाला पंचायत चुनाव नहीं है। उन्‍होंने कहा, “हम राज्य पुरस्कारों के लिए महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग नहीं कर रहे हैं। हम इस मुद्दे पर इसलिए बोल रहे हैं, क्योंकि महिलाएं भी इन पुरस्कारों की हकदार हैं।”

उन्‍होंने कहा यह भी सवाल किया कि क्या उन हजारों आवेदनों में एक भी महिला नहीं थी, जो पुरस्कार की हकदार हो सकती थी।

सुचिता ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से ऐसे मंत्री को हटाने का अनुरोध करती हूं, जो महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानता। किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि अतीत में महिलाओं के आंदोलन के कारण एक मंत्री को पद छोड़ना पड़ा था।”

इस बीच, गौडे ने स्पष्ट किया था कि पुरस्कार प्रदान करने के लिए एक चयन समिति नियुक्त की गई थी और निर्णय पैनल द्वारा लिए गए थे। उन्होंने कहा, पुरस्कार योग्यता के आधार पर दिए जाते हैं।

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