नई दिल्ली। विश्व हिंदू कांग्रेस- 2023 की आज बैंकॉक में शुरुआत हुई। इस वैश्विक मंच पर हिंदू नेता, विचारक और प्रभावशाली व्यक्ति एक साथ आकर अपनी विरासत का उत्सव मनाते हैं। इस अवसर पर आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि जय (विजय) का अर्थ सबको साथ लेकर चलना है।
आज छत्रपति शिवाजी महाराज हाल (रॉयल जुबली इंपैक्ट कन्वेंशन सेंटर), बैंकॉक में उद्घाटन समारोह हुआ। दुनिया के 61 देशों से 2000 प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने यहां पहुंचे हैं। तीन दिवसीय आयोजन में हिंदू संगठन, मंदिर और संघ, हिंदू इकोनामिक फोरम हिंदू मीडिया फॉर्म, हिंदू पॉलिटिकल फॉर्म, हिंदू यूथ फॉर्म और हिंदू वूमेन फोरम से जुड़े विषय होंगे। आज शुरुआती सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का उद्बोधन रहा। इस दौरान उन्होंने इस लंबी यात्रा में धर्म की भूमिका समझायी।
उन्होंने बताया कि जय क्या है। उन्होंने कहा कि यह किसी पर विजय प्राप्त करना या उसे अपने अधिग्रहण लाना नहीं है। जय का अर्थ सबको एक साथ जोड़ना है। मोहन भागवत ने विजय के तीन रूपों तमस, राजस और सत पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि तमस में दूसरों का विनाश, राजस्व में दूसरों संसाधनों पर कब्जा किया जाता है। भारत की विजय सत में है, जिसमें धर्म की प्रधानता हो।
आज के कार्यक्रम में माता अमृतानंदमयी देवी, भारत सेवाश्रम संघ के स्वामी पूर्णात्मानंद महाराज और हिंदू धर्म के सतगुरु बोधिनाथ वेयलानस्वामी को आज हिंदू समाज में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस दौरान थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन का एक विशेष संदेश पढ़ा गया। उन्होंने कहा, “थाईलैंड को विश्व हिंदू कांग्रेस 2023 की मेजबानी करने का सम्मान मिला है, जो सिद्धांतों और हिंदू धर्म के मूल्य से बंधे दुनिया भर के व्यक्तियों को एक साथ लाता है। यह सभा हमें हमारी साझा धार्मिक विरासत का जश्न मनाने का अनूठा अवसर प्रदान करती है।