हरिद्वार। योगऋषि स्वामी रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण के दिशा-निर्देशन में पतंजलि वेलनेस, पतंजलि योगपीठ-2 स्थित योगभवन सभागार में शुक्रवार को 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि योग व योगमूलक इंटीग्रेटिड ट्रीटमेंट सिस्टम से साध्य-असाध्य रोगों को रिवर्स किया जा सकता है। योगा फॉर सेल्फ व सोसाइटी ही नहीं, योगा फॉर यूनिवर्स अर्थात युग के लिए योग है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि पूरे विश्व का मॉडर्न मेडिकल सिस्टम नहीं कर पाया, वो सनातन धर्म मूलक योग से एक संन्यासी ने पतंजलि के माध्यम से करके दिखा दिया है। योग व योगमूलक इंटीग्रेटिड ट्रीटमेंट सिस्टम से असाध्य माने जाने वाले लिवर, किडनी, लंग्स, हार्ट आदि के रोगों को भी रिवर्स किया जा सकता है अर्थात रोगों को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि योग, प्राणायाम, सहज योग, एडवांस योग, योगा इन डेली लाइफ के साथ जीवन को सार्थक बनाएं। योग हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है, हमारे जीवन की सभी समास्याओं का समाधान है। योग आत्मानुशासन, आत्मदर्शन, आत्म उपचार तथा आत्म साक्षात्कार है। उद्योग, जीवन और जगत की सभी समस्याओं का समाधान योग में निहित है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि पूरी दुनियां में वैचारिक, राजनैतिक, आर्थिक संघर्ष व चुनौतियों का समाधान भी योगयुक्त जीवन ही है। योग से मानसिक व वैचारिक परिवर्तन होकर व्यक्ति समस्या नहीं, समाधान का हिस्सा बन जाता है। यहां आज रीयल वर्ल्ड एविडेंस के रूप में सैकड़ों लोग उपस्थित हैं जिन्हें कैंसर, लीवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस, इंफर्टिलिटी, हार्ट ब्लॉकेज आदि असाध्य रोगों में लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि योगाभ्यास मात्र शारीरिक व्यायाम या आसन, प्राणायाम की विधियां मात्र नहीं है, अपितु जीवन दर्शन है, जिससे तन, मन, जीवन व जगत की सभी समस्याओं का समाधान संभव है।
उन्होंने कहा कि योग हमारे योगधर्म, ऋषिधर्म, वेदधर्म की गौरवशाली परम्परा है। योग पूरी मानवता व विश्व के लिए ऋषियों का श्रेष्ठतम उपहार है। योग से करोड़ों लोगों ने स्वयं को रोगमुक्त किया है व अनियमित जीवनशैली को त्यागकर योगमय जीवन पद्धति को अपनाया है। सभी योग साधकों का आह्वान करते हुए कहा कि मात्र एक दिन के लिए ही नहीं अपितु 365 दिन के लिए नियमित योग का व्रतध् संकल्प लें। हम प्रतिदिन 10 से 20 मिनट तक प्रारंभ करके 1 घंटे तक योग करेंगे तो जीवन की प्रत्येक समस्या का समाधान होगा।
इस मौके पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि योग पूरे विश्व के लिए भारत का सर्वश्रेष्ठ वरदान है। योग को जन-जन तक पहुंचाकर लोगों के जीवन में उतारने वाले स्वामीजी के सान्निध्य में हम योग महोत्सव मना रहे हैं। यह हमारा सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि योग जीने की विधा है, जीवन परिवर्तन की विधा है। उस परिवर्तन को आज योग दिवस के पावन अवसर पर हम सबने रियल वर्ल्ड एविडेंस के रूप में साक्षात देखा है।
इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने यौगिक जॉगिंग, सूर्य नमस्कार के साथ अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका, भ्रामरी, कपालभाति, भुजंगासन, वृक्षासन, ताड़ासन, मंडुकासन, शलभासन, गौमुखासन, वज्रासन, ध्यान आदि का अभ्यास कराया।
कार्यक्रम में पतंजलि योग समिति हरिद्वार व रुड़की के तत्वाधान में आसपास के लगभग 200 गावों के लोगों ने योगसत्र में भाग लिया।
इस अवसर पर पतंजलि वेलनेस के थैरेपिस्टों ने पंचकर्म, षट्कर्म तथा प्राकृतिक चिकित्सा की विविध थेरेपियों तथा पतंजलि गुरुकुलम व आचार्यकुलम के छात्र-छात्राओं ने योग की विभिन्न मुद्राओं, मलखम्ब योग, रस्सी योग, ताइक्वांडो आदि का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में पतंजलि महिला योग समिति की मुख्य केन्द्रीय प्रभारी साध्वी देवप्रिया, मुख्य केन्द्रीय प्रभारी राकेश भारत, स्वामी परमार्थदेव, क्रय समिति अध्यक्षा अंशुल, संप्रेषण विभाग प्रमुख पारूल, पीआरआई के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय, मुख्य महाप्रबंधक (ट्रस्ट) ब्रिगेडियर टीसी मल्होत्रा, मानव संसाधन प्रमुख तरूण राजपूत, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अनिल यादव, पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल के उपाधीक्षक डॉ. अरूण पाण्डेय, स्वामी बजरंगदेव, स्वामी आर्षदेव, स्वामी ईशदेव सहित पंतजलि योगपीठ से सम्बद्ध समस्त इकाईयों के इकाई प्रमुख, अधिकारी, कर्मचारी व पतंजलि संन्यासाश्रम के सभी संन्यासी उपस्थित रहे।