नोएडा। उत्तर प्रदेश सरकार ने यमुना प्राधिकरण को 1779 करोड़ रुपये का उधार दिया है। इनमें से 1500 करोड़ रुपये प्राधिकरण के खाते में आ गए हैं। यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि जमीन अधिग्रहण, किसानों को अतिरिक्त मुआवजा, लैंड बैंक और अन्य विकास परियोजनाओं के लिए रुपये की कमी अब आड़े नहीं आएगी। खास बात यह है कि इस धनराशि को 25 साल में बिना ब्याज के वापस करना होगा। इससे प्राधिकरण की परियोजनाओं को पंख लगेंगे। इससे एयरपोर्ट के आसपास सेक्टरों को बसाया जाएगा।
दरअसल, महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए यमुना प्राधिकरण ने प्रदेश सरकार से ब्याज मुक्त ऋण की मांग की थी। इसके लिए प्राधिकरण ने टप्पल बाजना अर्बन सेंटर की भूमि, सेक्टर-10 में ईएमसी व औद्योगिक भूखंड, सेक्टर-7 में वेयर हाउस, लॉजिस्टिक व औद्योगिक भूखंड एवं हैंडीक्रॉफ्ट, एमएसएमई अपैरल पार्क व सेक्टर-32 में औद्योगिक भूखंड व सेक्टर-28 मेडिकल डिवाइस पार्क आदि परियोजनाओं का हवाला दिया था, जिससे कि अवशेष भूमि को प्राथमिकता के आधार विकसित किए जाने हेतु भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द किया जा सके। प्राधिकरण द्वारा मांगी गई धनराशि 1779 करोड़ रुपए में से प्रदेश सरकार ने 1500 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी है। शेष 279 करोड़ भी जल्द ही खाते में आ जाएंगे।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार से पहली बार इतनी बड़ी धनराशि यमुना प्राधिकरण को बिना ब्याज के मिली है। सबसे खास बात यह है कि बिना ब्याज के वापस करना होगा। विकास परियोजनाओं के लिए प्रदेश से 1779 करोड़ रुपये मिले हैं। इस धनराशि को 25 साल में बिना ब्याज के वापस करना होगा। इससे प्राधिकरण को काफी राहत मिल जाएगी। अब पैसे की वजह से कोई परियोजना प्रभावित नहीं होगी।