लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ को लागू करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल 25 प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। योगी सरकार ने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ को भी मंजूरी दी है। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने कहा कि, इस योजना के तहत सूक्ष्म उद्यमों और सेवा क्षेत्र में पांच लाख रुपये तक की परियोजनाओं पर ऋण पर अनुदान प्रदान किया जाएगा।
यदि परियोजना की लागत 10 लाख रुपये तक है, तो शेष धनराशि का प्रबंध लाभार्थी को स्वयं करना होगा। सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 15 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों को 12.5 प्रतिशत, और अनुसूचित जाति, जनजाति और दिव्यांगों को 10 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा। योजना में बुंदेलखंड, पूर्वांचल और आकांक्षी जिलों जैसे चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती और बहराइच के लाभार्थियों के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। इन क्षेत्रों के लाभार्थियों को भी परियोजना लागत का 10 प्रतिशत अंशदान देना होगा। इस योजना में ऋण पर 4 वर्षों के लिए शत-प्रतिशत ब्याज उपदान दिया जाएगा और लोन की तिथि से 6 माह की अधिस्थगन अवधि भी मिलेगी।
इस योजना के तहत पहली बार लाभ पाने वाले युवा दूसरे चरण के लिए भी पात्र होंगे। जहां उन्हें अधिकतम 10 लाख रुपये तक की परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। योजना में डिजिटल ट्रांजैक्शन को भी बढ़ावा दिया गया है, इसके तहत प्रति ट्रांजैक्शन 1 रुपये और अधिकतम 2000 रुपये प्रति वर्ष का अतिरिक्त अनुदान भी दिया जाएगा। किसानों की आय बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव यूपी एग्रीस को भी मंजूरी प्रदान की। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि यूपी में 9 क्लाइमेटिक जोन हैं। इसमें बुंदेलखंड और पूर्वोत्तर की प्रोडक्टिविटी पश्चिम की अपेक्षा कम रहती है।
ऐसे में, इसे बढ़ाने और नवाचार, आर्थिक बढ़ोत्तरी समेत विभिन्न प्रक्रियाओं को लाभ देना है। यह 28 जनपदों में लागू होगी। झांसी, चित्रकूट, गोरखपुर, वाराणसी, विंध्य, आजमगढ़, बस्ती और देवीपाटन मंडल के जिलों में परियोजना लागू की जाएगी। भारत सरकार द्वारा घोषित 8 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में से 7 को योजना से कवर किया गया है। 100 एस्पिरेशनल ब्लॉक में से 50 को यह कवर करते हैं। इससे किसानों, कृषि संगठनों, उद्योगों समेत विभिन्न समूहों को फूड प्रोसेसिंग समेत विभिन्न परियोजनाओं से जोड़ा जाएगा। यह परियोजना 4000 करोड़ की होगी और छह वर्षों के भीतर लागू होगी। इस वर्ष के बजट में 200 करोड़ का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया था। राज्य सरकार द्वारा परियोजना में कुल मिलाकर 1166 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। परियोजना में विश्व बैंक द्वारा 2737 करोड़ रुपये लगाए जाएंगे। ऋण वापसी की अवधि 35 वर्षों की होगी और ब्याज दर 1.23 परसेंट रहेगी।