Friday, November 22, 2024

योगी सरकार की नई पहल, एक लाख की आबादी वाले हर नगर के लिए एसटीपी की होगी व्यवस्था

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में एक लाख की आबादी वाले प्रत्येक नगर के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की जरूरत को महसूस किया है। इसके अन्तर्गत आगामी दो साल में यूपी की 70 फीसदी आबादी के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का लक्ष्य तय किया है।

स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) 2.0 के अंतर्गत प्रदेश के 160 नगर निकायों में सिटी सेनिटेशन एक्शन प्लान को शासन ने अनुमोदित कर दिया है। इससे प्रदेश की बड़ी आबादी को सीवरेज की समस्या से निजात मिल जाएगी। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि योगी सरकार प्रदेश में स्वच्छता को लेकर कई योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। कई इलाकों में एसटीपी के माध्यम से सीवरेज की समस्या से निजात दिलाई जा चुकी है, जबकि अब बड़े शहरों में इसकी आवश्यक्ता को देखते हुए सरकार मिशन मोड में कार्ययोजना बनाकर एक्शन में जुट गई है।

अलग-अलग अनुपात में होगा व्यय

सरकार की ओर से प्रदेश के ऐसे कोर सैनिटेशन जोन की लिस्ट तैयार कराई जा रही है। आंकलन है कि प्रत्येक जिले में केवल 30 प्रतिशत एरिया शहरी इलाका होता है, जहां जिले की 50 फीसदी से अधिक आबादी निवास करती है। सघन आबादी वाले क्षेत्रों में सीवर लाइन और जल मल शोधन की प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाने पर सरकार का पूरा फोकस है।इसके तहत यूज्ड वॉटर मैनेजमेंट को एक लाख की आबादी वाले प्रत्येक निकायों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने की योजना है। साथ ही पम्पिंग स्टेशन और पर्याप्त संख्या में सेप्टिक टैंक का निर्माण भी होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार, अर्बन लोकल बॉडी और 15वें वित्त आयोग के फंड से व्यय किया जाएगा। इसमें भी दस लाख से अधिक आबादी वाले शहर, एक से दस लाख की आबादी वाले शहर और एक लाख तक की आबादी वाले नगरों के लिए अलग-अलग अनुपात में व्यय का निर्धारण होगा।

जल्द तैयार की जाएगी डीपीआर

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार राज्य स्तरीय उच्चाधिकार संचालन समिति के समक्ष हाल ही में स्वच्छ भारत मिशन 2.0 की तृतीय बैठक में 160 नगरीय निकायों में सिटी सेनिटेशन एक्शन प्लान के लिए अनुमोदन प्रदान किया गया है। इसके अंतर्गत विस्तृत सिटी सैनिटेशन एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा, जिसमें प्रदेश में मौजूद सीवरेज मैनेजमेंट का पूरा ब्योरा प्रस्तुत करते हुए वर्तमान में मौजूद सीवर नेटवर्क, एसटीपी और एफएसटीपी की रिपोर्ट, नगर निकायों की मुख्य नाले और नालियों के आंकड़े, गैप एनालिसिस, जिसमें वर्तमान प्रदर्शन का आंकलन करते हुए लक्ष्य के अनुरूप प्रदर्शन के लिए स्ट्रेटजी का निर्धारण किया जाएगा। इसके अलावा प्रस्तावित प्रोजेक्ट के लिए कॉस्ट इस्टीमेट भी प्लान में शामिल किया जाएगा। साथ ही कोर सैनिटिशन जोन में सीवर नेटवर्क और एसटीपी तक नालियों का सुदृढ़ीकरण, अवरोधन और मोड को लेकर डीपीआर तैयार की जाएगी।

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