मुज़फ्फरनगर- उत्तर प्रदेश में पेराई सत्र शुरू हुए जहाँ करीब दो हफ्ते बीत चुके है लेकिन अब तक भी गन्ना मूल्य घोषित नही होने से प्रदेश का किसान देख रहा है कि गन्ना मूल्य कब घोषित होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आजकल मध्य प्रदेश में चुनावी जनसभाओं में लगातार भाषण कर रहे है और वहां उत्तर प्रदेश के किसानों की खुशहाली के दावे करते हुए बड़े-बड़े वायदे भी कर रहे है लेकिन पेराई सत्र का के दो हफ्ते बीत जाने के बाद भी गन्ना मूल्य घोषित करने की उन्हें फुर्सत नहीं मिल पा रही।
भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद पंवार एडवोकेट ने गन्ना मूल्य घोषित नही करने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द गन्ने का भाव घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि कम से कम 400 प्रति कुंतल गन्ने का भाव घोषित करके प्रदेश सरकार अन्नदाता किसान को थोड़ी सहूलियत दे।वही भाकियू किसान सेना के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चोकड़ा निवासी ईसरार त्यागी द्वारा भी गन्ना मूल्य घोषित नही करने को प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के साथ बड़ा छल बताया और कहा कि सरकार को किसानों की कोई चिंता नही है देश का अन्नदाता किसान दिनो दिन कर्ज में डूबता जा रहा है, अधिक से अधिक मूल्य घोषित करके किसानों को राहत देनी चाहिए।
प्रगतिशील किसान वहाब त्यागी द्वारा किसानों के साथ प्रदेश सरकार द्वारा अब तक गन्ना मूल्य घोषित नही करने को भद्दा मजाक करार दिया और महंगाई के इस दौर में गन्ना मूल्य में अब तक बढ़ोतरी ना करने को प्रदेश सरकार की किसान विरोधी शैली बताया। उन्होंने कहाकि मंहगाई के इस दौर में आज किसान खून के आंसू रो रहा है और डीजल पेट्रोल मूल्य बढ़ जाने व खेतो में गिरने वाली दवाइयों खादो के दाम बढ़ने से किसान दिनोदिन कर्जदार होता जा रहा है, अबकी बार लोकसभा के चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ होगा
।भाकियू नेता कुशलवीर से इस बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को किसानों के बारे में बहुत गहराई से सोचना चाहिए और जब तक किसान खुशहाल नही होगा तब तक देश प्रदेश खुशहाल नही होगा। देश प्रदेश की खुशहाली का रास्ता गांव से होकर गुजरता है, किसान को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देनी चाहिए ताकि देश का अन्नदाता खुश रह सके। किसानों को गन्ने का मूल्य कम से कम साढ़े चार सौ रुपए होना चाहिए एक कुंतल गन्ने पर 352 रुपए की लागत आ रही है। वही जब गन्ने मूल्य में अब तक बढ़ोतरी ना करना भाजपा सरकार द्वारा अपने अब तक के कार्यकाल में गन्ना मूल्य में सबसे कम बढ़ोतरी करना बताया और किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य देने का वादा कर सत्ता में आने वाली भाजपा ने किसानों के साथ बड़ा धोखा किया है। जिसे अन्नदाता माफ नही करेगा और इस सरकार को अबकी बार लोकसभा चुनाव में किसानों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने नौजवानो से लेकर किसानों और आम जनता को कोई भी राहत नही दी है और किसान दिनोदिन कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है जिससे किसान आत्महत्या करने पर मजबूर है और पेराई सत्र का करीब दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी गन्ना मूल्य घोषित नही होने से किसानों में भारी नाराजगी है।और किसान अपना गन्ना औने पौने दामो पर बेचने को मजबूर है।