मेरठ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के लिए मेरठ आए थे और क्षत्रिय समाज को भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए राजी करने के प्रयास में भी लगे थे।
उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान और सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम के हाथ भी मिलवाए थे। माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री के प्रयास के बाद ठाकुर समाज भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान करेगा लेकिन आज सरधना क्षेत्र के गांव कपसाड में हुई ठाकुर समाज की बैठक में इस बार के चुनाव में मुजफ्फरनगर लोकसभा ही नहीं पूरे प्रदेश में ही सभी विधानसभा क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी के विपक्ष में मतदान करने का प्रस्ताव पास किया गया।
सरधना विधानसभा क्षेत्र के गांव कपसाड में हुई राजपूत समाज की एक पंचायत में आज ठाकुर समाज के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हजारों लोग पहुंचे। जिन्होंने सर्व समिति से यह प्रस्ताव पास किया कि हर विधानसभा क्षेत्र में राजपूत समाज भारतीय जनता पार्टी को पराजित करने का काम करेगा जिसका सभी ने ताली बजाकर स्वागत किया।
मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद समेत आसपास के जिलों से पहुंचे राजपूत समाज के लोगों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया।
राजपूत समाज के लोगों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की केंद्र में तीसरी बार सरकार बनने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी भारतीय जनता पार्टी द्वारा सीएम की कुर्सी से हटा दिया जाएगा।
मेरठ की जनसभा में मंच पर सीएम का फोटो भी नहीं लगाया गया था,इसी आशंका के चलते राजपूत समाज में नाराजगी बढ़ रही है ।
पश्चिम उत्तर प्रदेश में राजपूत समाज के लोगों का कहना है कि पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सात या आठ सांसद राजपूत समाज से होते थे, जिनमें अलीगढ़, मथुरा, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद आदि सीट शामिल थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी के अंध भक्त वोटर होने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी राजपूत समाज की लगातार उपेक्षा करती जा रही है।2024 के टिकटो के बंटवारे में तो राजपूत समाज की अनदेखी करने की सीमा भी पार कर दी गई है ।
उत्तर प्रदेश सरकार में भी राजपूत समाज का प्रतिनिधित्व योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उनकेमंत्रिमंडल में घटा दिया गया है। अब टिकटों में भी लगातार कटौती की जा रही है।
इस बार भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दो सीट देने के स्थान पर केवल मुरादाबाद से एक राजपूत प्रत्याशी को टिकट दिया है जबकि गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह का भी टिकट आयु अधिक बताकर काट दिया गया है जबकि वीके सिंह से ज्यादा आयु के कई प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है। राजपूत समाज का कहना है कि हेमा मालिनी समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयु भी जनरल वीके सिंह के आसपास है फिर भी जनरल वीके सिंह का टिकट काट दिया गया है।
यह उम्मीद थी कि सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद से राजपूत समाज के किसी अन्य नेता को पार्टी मौका देगी लेकिन वह भी नहीं दिया गया है। जिसके चलते राजपूत समाज में भारतीय जनता पार्टी के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है।
पहले माना जा रहा था कि नाराजगी केवल मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर डॉक्टर संजीव बालियान के प्रति है लेकिन राजपूत समाज ने पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही भाजपा के विरोध में बिगुल बजा दिया है।
19 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव होना है,राजपूत समाज की ये नाराजगी 19 अप्रैल तक भी बदस्तूर जारी रहेगी और राजपूत समाज बीजेपी के विरोध में मतदान करेगा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जलवे के चलते राजपूत समाज इस बार फिर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में ही एक मुश्त मतदान करने पर राजी हो जाएगा। इसी पर चुनाव परिणाम निर्भर करेगा।
राजपूत समाज फिलहाल अपनी उपेक्षा को लेकर लगातार मुखर हो रहा है और नियमित रुप से कही ना कही पंचायतें भी की जा रही है।
बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में अलग-अलग इलाकों में राजपूत समाज द्वारा और पंचायतें की जाएंगी।