Tuesday, May 20, 2025

मीरापुर में आम के पेड़ों की बेरहमी से कटाई, वन विभाग पर उठे सवाल

मीरापुर। कस्बे के पड़ाव चौक के पास बीती रात अवैध रूप से आम के दर्जनों पेड़ों की कटाई ने क्षेत्रवासियों को हिला कर रख दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्यवाही जानबूझकर रात के अंधेरे में की गई, ताकि किसी की नजर न पड़े और आसानी से हरियाली को नष्ट किया जा सके। इस बर्बरता ने न केवल क्षेत्र की हरियाली छीन ली, बल्कि वहां बसे पक्षियों और अन्य जीवों के प्राकृतिक आवास को भी उजाड़ दिया।

 

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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दो दर्जन से अधिक आम के फलदार पेड़ों को काटने के बाद उनके ठूंठों और जड़ों को छुपाने के लिए जेसीबी मशीनें मंगाई गईं, जो पूरे दिन मिट्टी में उन्हें दबाने का काम करती रहीं। यह सब दर्शाता है कि इस अवैध कार्य को छुपाने की पूरी कोशिश की गई थी।

 

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जब इस मामले में वन क्षेत्राधिकारी (रेंजर) आरिफ जमाल खान से बात की गई, तो उन्होंने दावा किया कि केवल तीन यूकेलिप्टस और अन्य प्रजातियों के पेड़ ही काटे गए हैं। लेकिन मौके पर मौजूद मीडिया प्रतिनिधियों और स्थानीय नागरिकों ने जब वस्तुस्थिति देखी, तो पाया कि सच्चाई इससे बहुत अलग है—कई आम के पेड़, जिन पर फल भी लगे थे, काट दिए गए हैं।

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गर्मी के इस मौसम में जब फलदार वृक्षों पर कटाई पर सख्त प्रतिबंध है, तब इस तरह की अवैध कार्रवाई ने शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं। पर्यावरणविदों के अनुसार, आम के पेड़ केवल फल ही नहीं देते, बल्कि वे सैकड़ों पक्षियों के लिए प्राकृतिक घर होते हैं। लोगों ने बताया कि पेड़ों की कटाई के बाद कई मृत पक्षी पेड़ों के नीचे पाए गए, जिससे स्पष्ट है कि यह केवल पेड़ नहीं काटे गए, बल्कि एक जीवनदायिनी व्यवस्था को तहस-नहस किया गया है।

 

इस घटना से नाराज़ स्थानीय नागरिकों ने वन विभाग और प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों के खिलाफ शीघ्र सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो वे आंदोलन के लिए विवश होंगे।

 

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