चंडीगढ़। हरियाणा विधान सभा में बुधवार को एक संसदीय सुधार ने दस्तक दी। विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने सामाजिक सुधारों में विधायिका की सहभागिता बढ़ाते हुए दो नई समितियों के गठन की घोषणा की। इसके लिए जल्द संसदीय कार्य मंत्री की ओर से प्रस्ताव लाया जाएगा।
बुधवार को प्रश्नकाल की कार्यवाही के बाद विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि विधायिका दो प्लेटफार्म सदन और समितियों के माध्यम से कार्य करती है। सदन के पास समय कम होता हैं, इसलिए विधानमंडल अपने अधिकतर कार्य अपनी समितियों के माध्यम से वर्षभर करते हैं। कल्याण ने कहा कि उन्होंने अनेक राज्यों की विधायिकाओं का दौरा किया है और कुछ का अध्ययन भी किया है। उन्होंने पाया है कि बहुत सी विधायिकाओं में हरियाणा की विधायिका से अधिक समितियां हैं।
उन्होंने कहा कि समितियां जनहित के कार्य साधने का प्रभावशाली प्लेटफार्म है। इसलिए उन्होंने गहन अध्ययन के बाद महसूस किया कि हरियाणा विधान सभा में संसदीय सुधार की दरकार है। दूसरा, गत 18 मार्च 2025 को सदन में नशे का विषय उठा था। इस मसले पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत अनेक सदस्यों ने गंभीरता दिखाई है।
विस अध्यक्ष ने कहा कि नशा युवाओं पर दुष्प्रभाव डाल रहा है। इसलिए इस समस्या के निदान के लिए विधान सभा की कमेटी बनाए जाने की जरूरत है। इस समिति का नाम ‘युवा कल्याण व युवा मामलों सम्बन्धी समिति’ होगा। इसके साथ ही उन्होंने ‘प्रदूषण तथा पर्यावरण सम्बन्धी समिति’ का भी सुझाव दिया। कल्याण ने कहा कि ये दोनों समितियां पर्यावरण और नशे जैसी गंभीर चुनौतियों पर सरकार को सुझाव देगी।
उन्होंने कहा कि संसदीय प्रथाओं व कार्य प्रणाली के अनुसार नियम समिति के अतिरिक्त इन समितियों का गठन सदन में एक प्रस्ताव लाकर किया जा सकता है। विस अध्यक्ष द्वारा सदन से की गई इस अपील के बाद संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा ने दो नई समितियों को बनाने के लिए एक सरकार की ओर से प्रस्ताव लाने का आश्वासन दिया।