लखनऊ- समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली से न केवल परीक्षा देने वाले युवा बल्कि उनके माता-पिता भी ग्रसित हो रहे हैं।
श्री यादव ने कहा कि अगर पुलिस भर्ती, एआरओ, नीट जैसी धांधली की शिकार अन्य परीक्षाएं रद्द होकर दुबारा होती भी हैं तो इस बात की गारंटी कौन लेगा कि अगली बार परीक्षा आयोजित किये जाने पर ऐसा कुछ भी घपला-घोटाला नहीं होगा। जब सरकार वही है और उसकी व्यवस्था भी वही है तो ये सब धाँधलियाँ कहीं फिर से सरकार संरक्षित ‘परीक्षा माफ़ियाओं’ के लिए पैसा कमाने का ज़रिया न बन जाएं।
उन्हाेने कहा कि विभिन्न परीक्षाओं का पेपर लीक होना, परीक्षा में सेंटर से लेकर सॉल्वर तक की धांधली होना, परीक्षा कराने वाली एजेंसी का काम शक़ के घेरे में आना, रिज़ल्ट में ग्रेस मॉर्क्स की हेराफेरी होना, मनचाहे सेंटर मिलना, एक ही सेंटर से कई कैंडिडेट का सेलेक्ट होना और 100 प्रतिशत आना केवल एग्ज़ाम मैनेजमेंट की समस्या नहीं है बल्कि इन सबसे बढ़कर ये एक मानसिक त्रासदी है जिससे युवाओं के साथ उनके अभिभावक भी प्रभावित हो रहे हैं।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि युवा मानस वैसे ही बहुत नाज़ुक होता है, ऐसे में उनको सँभालना माता-पिता के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती होता है। ऐसी घटनाओं से हताश-निराश होकर, जब माता-पिता ख़ुद व्यवस्था पर भरोसा खो देते हैं और उन्हें अपने बच्चों का भविष्य अंधकारमय दिखने लगता है तो भला वो क्या अपने बच्चों का सहारा बनेंगे। इसीलिए सरकार इस संकट को एक मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भी देखे और कम-से-कम युवाओं के मामलों को अपने चौतरफ़ा भ्रष्टाचार से मुक्त रखे। ये देश के भविष्य का सवाल है।