Friday, November 22, 2024

गणतंत्र दिवस पर सोचे ज़रूर !

74 वर्षों से हम गणतंत्र दिवस मनाते आ रहे हैं। देखा जा रहा है कि इस उत्सव को मनाने का हमारा उत्साह प्रति वर्ष कम होता जा रहा है। यह चिंतनीय है और विचारणीय भी है। हम भारतीयों की सभ्यता और संस्कृति विश्व में चर्चा का विषय है और रहेगी, जिस पर हमें नाज है। गणतंत्र दिवस को आज मनाने से पहले उसकी सार्थकता को समझने की आवश्यकता है, क्योंकि आज हमारे देशवासियों में राष्ट्र प्रेम की भावना के अभाव को महसूस करते हुए हम भारतीयों की प्रमाणिकता को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है।

विश्व में हमें राष्ट्रीयता की भावना के अभाव के कारण अपने ही देश के प्रति गद्दार मानने की भावना प्रबल होती जा रही है। यद्यपि सरकारी स्तर पर यह उत्सव प्रति वर्ष स्मरणीय होता है। शहीदों के परिवारों को याद किया जाता है, चकाचौंध कर देने वाले करतब दिल दहला देने वाले सैन्य शस्त्रों का प्रदर्शन सुरक्षा का विश्वास जगाता है, परन्तु हम क्या कर रहे हैं।

छोटी-छोटी बातों पर हड़ताल, कानून तोडऩा, राष्ट्रीय सम्पत्ति में तोडफ़ोड़, उसे जलाना, अपनी वीर सेना पर अनुचित सवाल उठाना, अपमानजनक टिप्पणी करना हमारा स्वभाव बन गया है। कई बार पयर्टक के रूप में आई विदेशी महिलाओं के साथ शर्मसार करने वाला आचरण ये सब बातें हमें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनामी ही तो दे रहा है।

रूककर सोचे हमारे लोगों में देश हित की उपेक्षा का भाव क्यों आ रहा है। इन्हें राष्ट्र प्रेम से ओत-प्रोत करने के क्या उपाय किये जाये ताकि वे अपने स्वार्थों की पूर्ति की भावना से पहले राष्ट्र हित के बारे में सोचे।

 

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