चंडीगढ़ । राजनीति में काेई किसी का पक्का दाेस्त या दुश्मन नहीं हाेता। ऐसे ही समीकरण गुरुवार काे हरियाणा में उस समय बने, जब पुरानी दुश्मनी भुलाकर हरियाणा लाेकहित पार्टी ने इनेलाे व बसपा के साथ गठबंधन कर लिया। इस गठबंधन का ऐलान गुरुवार काे सिरसा में संयुक्त प्रेस वार्ता के दाैरान किया। इनेलो प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कांडा के निवास पर पहुंच कर उन्हें सिरसा सीट पर समर्थन देने का भी ऐलान किया।
इस मुलाकात के बाद अभय चौटाला और गोपाल कांडा ने सिरसा में ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस करके एक-दूसरे के समर्थन का भी ऐलान किया। गोपाल कांडा की आखिरी समय तक भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत चलती रही लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ी। भाजपा ने सिरसा से बैकवर्ड कार्ड खेलते हुए रोहतास जांगड़ा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं अब हलोपा टिकट पर गोपाल कांडा फिर से मैदान में आ गए हैं। कांग्रेस के यहां से गोकुल सेतिया को टिकट देने के बाद इस सीट के समीकरण बदल गए।
गोकुल सेतिया की गिनती पहले अभय चौटाला के नजदीकियों में होती रही है। 2019 का चुनाव गोकुल सेतिया ने सिरसा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ा था और उन्होंने कांडा को कड़ी टक्कर दी थी। सिरसा सीट पर बदले हुए राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए ही अभय चौटाला और कांडा ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया है। गोपाल कांडा के छोटे भाई गोबिंद कांडा 2019 में रानियां से हलोपा टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। इसके बाद ऐलनाबाद हलके में अभय चौटाला के इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में भी गोबिंद कांडा ने भाजपा में शामिल होकर ऐलनाबाद उपचुनाव लड़ा था। उपचुनाव में गोबिंद कांडा ने अभय चौटाला को कड़ी टक्कर दी थी। गोबिंद कांडा भाजपा टिकट की मांग भी कर रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें किसी भी सीट से उम्मीदवार घोषित नहीं किया।
इनेलो इस बार पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ रहा है। अभय सिंह चौटाला खुद ऐलनाबाद से ही चुनावी रण में उतरे हैं। भाजपा ने उनके मुकाबले अमीर चंद मेहता को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल को टिकट देकर ऐलनाबाद का मुकाबला भी दिलचस्प बना दिया है। अभय अपने बेटे अर्जुन चौटाला को विधानसभा पहुंचाने की जुगत में हैं। अर्जुन को रानियां से टिकट दिया है। भाजपा ने यहां से देवीलाल पुत्र चौ. रणजीत सिंह की टिकट काटकर शीशपाल काम्बोज को दी है।