नोएडा। यमुना प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर-28 में 350 एकड़ में मेडिकल डिवाइस पार्क दो चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में 110 एकड़ में पार्क विकसित किया जा रहा है। इसमें 136 भूखंड हैं। इस योजना में 3800 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसमें प्रत्यक्ष रूप से 15 हजार व अप्रत्यक्ष रूप से 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। पार्क में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सहित सर्जिकल, रेडियोथैरेपी व किडनी संबंधी इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण बनेंगे।
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यमुना क्षेत्र में बन रहे मेडिकल डिवाइस पार्क के परियोजना, निवेश, निर्माताओं और अन्य भूमि विवरणों को समझने के मकसद से गुरूवार को जापान के एक प्रतिनिधिमंडल ने यमुना प्राधिकरण के प्रशासनिक कार्यालय का दौरा किया। जापानी प्रतिनिधिमंडल में मेडिकल क्षेत्र से जुड़े उद्योगपति यासुहीरो सेनशो, डॉ. सैम्यूल जेके अब्राहम, केंजी शिबुया, मिस साना सकुराई सहित अन्य शामिल थे।
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इस बैठक में सीएम के सलाहकार डा. जीएन सिंह, यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेन्द्र भाटिया, कार्यकारी निदेशक, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ मेडिकल डिवाइस पार्क प्रवीन मित्तल, जीएम प्रोजेक्ट राजेंद्र भाटी, एजीएम उद्योग डॉ. स्मिता सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक की शुरुआत यीडा की मेडिकल डिवाइस पार्क पर प्रस्तुति से हुई। जिसे शैलेन्द्र भाटिया और प्रवीन मित्तल ने प्रस्तुत किया। जिसमें यीडा के स्थान लाभ, एमडीपी-एफडीआई नीति, एमडीपी प्रोत्साहन आदि पर ध्यान केंद्रित किया गया।
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दूसरी प्रेजेंटेशन जापानी प्रतिनिधिमंडल के मेडिकल एक्सीलेंस जापान (एमईजे) के सीईओ और आसियान और पूर्वी एशिया के लिए आर्थिक अनुसंधान संस्थान (ईआरआईए) द्वारा प्रस्तुत की गई। बैठक के दौरान, जापानी प्रतिनिधिमंडलों ने यीडा के साथ चिकित्सा उपकरण और प्रौद्योगिकी पार्क, उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य सेवा विभाग के साथ फार्मा अनुसंधान और नवाचारों को बढ़ावा देना तथा इन्वेस्ट यूपी के साथ स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा पर्यटन के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किया। बैठक के बाद जापानी प्रतिनिधिमंडल ने मेडिकल डिवाइस पार्क का दौरा कर निर्माण कार्यों की प्रगति की सराहना की।
बता दें कि यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में निर्माणाधीन मेडीकल डिवाईस पार्क भारत सरकार के सहयोग से विकसित की जा रही है। पहले चरण में 110 एकड़ में पार्क विकसित किया जा रहा है। इसमें 136 भूखंड हैं। इस योजना में 3800 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसमें प्रत्यक्ष रूप से 15 हजार व अप्रत्यक्ष रूप से 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। पार्क में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सहित सर्जिकल, रेडियोथैरेपी व किडनी संबंधी इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण बनेंगे।