बुढ़ाना। ग्राम पंचायतों में बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित तमाम योजनाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लापरवाही की वजह से धरातल पर नहीं उतर पा रही हैं। क्षेत्र की अधिकांश ग्राम पंचायतों में यह योजनाएं सिर्फ कागजों पर ही सिमट कर रह गई हैं। आलम यह है कि आंगनबाड़ी केंद्र है ,तो खुलते नहीं है। सफीपुर के ग्रामीणों ने इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
कस्बे से तीन किलोमीटर दूर गांव सफीपुर हिंडन नदी के ऊबड़ खाबड़ रास्ते पर स्थित है। गांव सफीपुर निवासी सुबोध कुमार के नेतृत्व में ग्रामीणों ने बताया कि इस क्षेत्र में संबंधित अधिकारी जल्दी आते नहीं है, जब आते हैं, तो इसकी सूचना आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पहले ही मिल जाती है। उस दिन वे संबंधित अधिकारी को आंकड़े प्रस्तुत कर जिम्मेदारी की इतिश्री कर लेती है, जबकि हकीकत में धरातल पर पूरा गोलमाल किया जाता है।
आंगनबाड़ी केंद्र कभी खुलता है तो आपस मे सेंटिंग कर एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री नही आती है। फर्जी आंकड़ों को दर्शा कर उसके एवज में पुष्टाहार समेत अन्य खाद्यान्नों की कालाबाजारी की जा रही है। इस संबंध में सुपरवाइजर अलका राघव ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया।