नई दिल्ली। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) लेनदेन फरवरी में सालाना आधार पर 33 प्रतिशत बढ़कर 16.11 अरब पर पहुंच गया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के द्वारा शनिवार को जारी किए गए आंकड़ों में यह जानकारी मिली। बीते महीने यूपीआई लेनदेन की वैल्यू भी 20 प्रतिशत बढ़कर 21.96 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
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फरवरी में प्रतिदिन 57.5 करोड़ यूपीआई लेनदेन हुए हैं और जनवरी में इनकी संख्या 54.8 करोड़ प्रतिदिन थी। इसके कारण यूपीआई से प्रतिदिन होने वाले लेनदेन की वैल्यू बढ़कर 78,446 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि जनवरी में 75,743 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2023-24 में यूपीआई से कुल 131 अरब लेनदेन हुए थे। इनकी लेनदेन की कुल वैल्यू 200 लाख करोड़ रुपये थी। डिजिटल पेमेंट पारिदृश्य में बड़ा बदलाव हुआ है।
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यूपीआई की हिस्सेदारी डिजिटल पेमेंट में लगातार बढ़ रही है। मौजूदा समय में रिटेल डिजिटल पेमेंट्स में यूपीआई की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से अधिक हो गई है। फरवरी में इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) लेनदेन की संख्या 40.5 करोड़ रही। इनकी वैल्यू 5.63 लाख करोड़ रुपये थी। एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, फास्टैग लेनदेन की संख्या फरवरी में सालाना आधार पर 19 प्रतिशत बढ़कर 38.4 करोड़ हो गई है।
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वहीं, इनकी वैल्यू भी 18 प्रतिशत बढ़कर 6,601 करोड़ रुपये हो गई है। आधार आधारित पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) लेनदेन की संख्या सालाना आधार पर 14 प्रतिशत बढ़कर 9.4 करोड़ हो गई है। यूपीआई ने बाजार में आसानी को बढ़ावा दिया है। इसके जरिए आसानी से रियल-टाइम लेनदेन किया जा सकता है। जनवरी के डेटा के मुताबिक, देश में 80 से ज्यादा यूपीआई ऐप (बैंक ऐप्स और थर्ड पार्टी) हैं। 641 बैंक यूपीआई इकोसिस्टम पर लाइव हैं।
यूपीआई का विस्तार वैश्विक स्तर पर भी तेजी से हो रहा है, जिससे विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए सीमा पार लेनदेन करना आसान हो रहा है। वर्तमान में यूपीआई 7 से अधिक देशों में लाइव है, जिसमें यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस, मॉरीशस जैसे प्रमुख बाजार शामिल हैं, जो भारतीयों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूपीआई से भुगतान करने की अनुमति देता है।