लखनऊ – उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में मंगलवार शाम समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के प्रवक्ताओं की रिहायशी इमारत ढहने से कम से कम तीन लोगों की मृत्यु हो गयी जबकि कई अन्य के हताहत होने की आशंका है। शुरू में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री समेत सभी अधिकारी 3 लोगो के मारे जाने की जानकारी दे रहे थे लेकिन देर रात प्रमुख सचिव गृह समेत डीजीपी ने किसी के भी मारे जाने से इंकार किया है और 12 लोगो को सकुशल निकाल लिए जाने की जानकारी दी है। बिल्डिंग मेरठ के सपा विधायक की बताई जा रही है, पुलिस ने सपा विधायक के बेटे को हिरासत में ले लिया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार वजीर हसन रोड पर यह हादसा उस समय हुआ जब एक चार मंजिला इमारत का एक हिस्सा तेज आवाज के साथ गिर गया। इमारत में समाजवादी पार्टी (सपा) प्रवक्ता हैदर अब्बास और कांग्रेस प्रवक्ता जीशान हैदर के परिवार समेत करीब सात परिवार के रहने की सूचना है। राहत और बचाव कार्य में सेना को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की मदद के लिये बुलाया गया है। मलबे से अब तक करीब 12 जीवित लाेगों को निकाल कर नजदीकी श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल हास्पिटल में भर्ती कराया गया है। मलबे में अभी 7 से अधिक लोगों के दबे रहने की संभावना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से राहत एवं बचाव कार्य में तेजी के साथ एहतियात बरतने के निर्देश दिये है। राजधानी के मुख्य अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिये गये हैं। सीएम घटना पर पैनी नजर बनाये हुये हैं। मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी और नगर विकास मंत्री ए के शर्मा ने मौके पर जाकर राहत एवं बचाव कार्यो का निरीक्षण किया।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सबसे पहले घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होने कहा कि मलबे से अब तक तीन शव मिले हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा बड़ी तादाद में पुलिस कर्मी राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। मलबा हटाने के लिये जेसीबी मशीने बुला ली गयी है। घटना के कारण और मलबे में दबे लोगों की सही जानकारी बाद में दी जायेगी।
सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्बास हैदर के पिता अमीर हैदर व बेटा मुस्तफा को सुरक्षित निकाल लिया गया है। पत्नी उजमा और मां बेगम अमीर हैदर अभी भी मलबे में दबे हैं। कल सोमवार को अब्बास हैदर के माता-पिता की 50वीं सालगिरह थी। घर मे पार्टी का आयोजन हुआ था। हादसे के वक्त हैदर घर पर नहीं थे। हादसे के कारणो का पता नहीं चल सका है। बिल्डिंग के आसपास रहने वालों के अनुसार इमारत के बेसमेंट में कोई मरम्मत का काम चल रहा था क्योंकि ड्रिल मशीन की आवाज सुनायी दे रही थीं जबकि कुछ का कहना है कि दस से 15 साल पुरानी इमारत में भूकंप के झटकों के कारण दरारें पड़ गयी थी जिनको नजरअंदाज करना हादसे का सबब बना।
इसी बीच प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने बताया कि मंगलवार को राजधानी में देर शाम को एक बिल्डिंग गिर जाने से कई लोग मलबे में दब गए हैं, जिनमे से 12 लोगो को सुरक्षित बचा लिया गया है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों की जानकारी के अनुसार बिल्डिंग के मलबे में अभी 6 से 7 लोगों की दबे होने की सूचना है। अभी तक किसी प्रकार की कैजुअल्टी की कोई सूचना नहीं है। राहत बचाव का काम जारी सभी को सकुशल बचाने की पूरी संभावना है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बिल्डिंग के अंदर बेसमेंट की खुदाई चल रही थी, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि भूकंप की वजह से बिल्डिंग में दरार आ गई थी। हालांकि हादसा हुआ किस वजह से अभी यह साफ नहीं है इमारत के ढहने का अंदाजा किसी को भी नहीं था। यह हादसा यकायक हुआ है। वहीं, सूचना मिलने पर मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीमें पहुंच गई, जो बचाव कार्य में जुटी हैं।
इधर, हादसे की खबर मिलते ही उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी घटनास्थल पर जा पहुंचे। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि घटनास्थल पर स्वास्थ्य विभाग की कई टीमे लगाई गई हैं। जो घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद कर रही हैं। आधा दर्जन से अधिक एम्बुलेंस मौके पर लगा दी गई हैं। केजीएमयू व सिविल अस्पताल समेत दूसरे अस्पतालों को गंभीर घायलों को भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं। हर स्थितियों में हम लोग सभी को बचाने में जुटे हैं। हम लोग हर एक को जीवित बचाने में लगे हैं। अत्याधुनिक मशीनों को भी मंगाया गया है। ब्लड बैंकों को हाई अलर्ट कर दिया गया है। वरिष्ठ चिकित्सकों को अस्पताल में बने रहने का निर्देश दिए गए हैं।
देर रात प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने कहा है कि घटना के बाद शुरुआती जानकारी में तीन लोगों की घटना मृत्यु की सूचना मिल रही थी। जिसे स्पष्ट कर देना उचित होगा कि अभी तक दुखद घटना में किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।
उन्होंने मीडिया से कहा कि घटनास्थल पर मौके का जायजा लेने के बाद पुलिस विभाग के अन्य अधिकारियों से भी वार्ता हुई है। मौके पर पुलिस महानिदेशक भी मौजूद हैं। कोई कैजुअल्टी नहीं हुई। एक भी अभी मौत नहीं हुई।
उन्होंने आगे कहा कि 12 लोगों का रेस्क्यू कर निकाला जा चुका है। अभी कुछ लोग और फंसे हैं। उन्हें भी सुरक्षित निकालने का कार्य जारी है। घटना के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि पांच मंजिला इमारत के ढहने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। घटना में 3 लोगों के मृत होने की सूचना मिली थी और लगभग 20 से 30 लोग मलबे में अब भी दबे हुए हैं, जिन्हें बाहर निकालने का कार्य किया जा रहा है।
पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान ने बताया है कि लखनऊ के वजीर हसन मार्ग में एक इमारत गिरी है जिसके मलबे में दबे 12 लोगों को बचाया जा चुका है। मलबे में अभी कुछ और लोगों के फंसे रहने का अनुमान हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने दुर्घटना स्थल को तीन जगहों से तोड़ दिया है जहां से बचाव के प्रयास किए जा रहे हैं। मलबे को हटाने में पूरी एहतियात बरती जा रही है ताकि सभी को सुरक्षित निकाला जा सके। उन्होने कहा कि हादसे में किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुयी है। राहत दल सभी को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत एवं बचाव कार्य में पैनी नजर बनाये हुये हैं। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि घायलों को उचित इलाज के लिए तत्काल अस्पताल पहुंचाया जाए। उन्होने अधिकारियों से राहत एवं बचाव कार्य में तेजी के साथ एहतियात बरतने के निर्देश दिये है।
बताया जाता है कि लखनऊ हादसे में जिस इमारत के गिरने से कई लोग दबे हैं, उस इमारत का मालिक सपा विधायक शाहिद मंजूर का बेटा नवाजिश शाहिद है. इसी का रिश्तेदार मोहम्मद तारिक पुत्र मोहम्मद आरिफ भी मालिक है, यह दोनों नादिर अली बिल्डिंग दिल्ली रोड मेरठ के रहने वाले हैं. सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं शाहिद मंजूर अभी भी मेरठ के किठौर से विधायक हैं, बताया जाता है कि पुलिस ने देर रात मेरठ से नवाजिश को हिरासत में ले लिया है और लखनऊ के लिए रवाना हो गयी है।
पूरी रात प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और डीजीपी देवेंद्र चौहान समेत पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी मौके पर डटे हुये हैं। मुख्यमंत्री खुद हालात पर नज़र बनाये हुए है।