सहारनपुर। सहारनपुर कलेक्ट्रेट परिसर में कान्फ्रेंस हाल के पास बनी पुरानी मस्जिद को लेकर कई सालों से लोग सवाल उठा रहे हैं। हिंदू संगठनों ने पिछले दो सालों के दौरान इस मुद्दे को जिलाधिकारियों के समक्ष रखा। लेकिन कोई सकारात्मक कार्रवाई ना होने पर बजरंग दल नेता विकास त्यागी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर पूरा प्रकरण उनके सामने रखा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए और उसकी गंभीरता को देखते हुए मौजूदा जिलाधिकारी मनीष बंसल को पत्र भेजकर इस प्रकरण की जांच कराने और प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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जिलाधिकारी मनीष बंसल ने कहा कि मुख्यमंत्री के विशेष सचिव आशुतोष मोहन अग्निहोत्री का पत्र उन्हें प्राप्त हुआ है। उन्होंने एडीएम प्रशासन डा. अर्चना द्विवेदी से इस मस्जिद से जुड़े सभी तथ्यों की गहराई से जांच करने और अभिलेखों के साथ अपनी आख्या देने को कहा है। इस मुद्दे को लगातार उठाने वाले देवबंद क्षेत्र के बजरंग दल नेता विकास त्यागी ने कहा कि पूर्व जिलाधिकारी अखिलेश सिंह वर्तमान में कमिश्नर बस्ती को उन्होंने इस मस्जिद के विवादित होने की शिकायत की थी और जांच एवं कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन अखिलेश सिंह ने मामले में आधी-अधूरी कार्रवाई की और कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई।
यह मस्जिद कब बनी, किसने बनवाई और जगह का स्वामी कौन है इन सब सवालों को लेकर उन्होंने आरटीआई भी लगाई थी लेकिन उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई और मामले को रफा-दफा कर दिया गया। मस्जिद के हिस्से में एक डाकघर बना है और कुछ कमरे भी बने हुए हैं। उनका किराया कौन ले रहा है यह भी जांच का बिंदु है। कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में कई अति गोपनीय कार्य भी संपादित होते हैं और मस्जिद के कारण वहां अनेक लोगों का चौबीसों घंटे आवाजाही लगी रहती है जो सुरक्षा और गोपनीयता दोनों के लिए गंभीर खतरा है। बजरंग दल नेता विकास त्यागी ने मुख्यमंत्री से मांग की कि तमाम हिंदू संगठन और एकता अखंडता में विश्वास रखने वाले लोग चाहते हैं कि इस मस्जिद को वहां से हटाया जाए।
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पूरे प्रकरण पर जिलाधिकारी मनीष बंसल का कहना था कि वह इस प्रकरण की तथ्यात्मक और प्रमाणित जांच कराएंगे और उसके आधार पर ही निर्णय लेंगे। जांच आने पर ही वह यह कह पाएंगे कि यह मस्जिद वैध या फिर अवैध है। यदि यह मस्जिद गैर कानूनी पाई जाती है तो उस स्थिति में वह जरूरी कार्रवाई कराएंगे। उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि पूरे मामले में प्रशासन निष्पक्षता और ईमानदारी से काम लेगा। जांचोपरांत सच्चाई पूरी सामने आ जाएगी। अभी वह इस पर कोई टीका-टिप्पणी नहीं करेंगे। मस्जिद से संबंधित साजिद अली एडवोकेट ने कहा कि मस्जिद वक्फ की संपत्ति है और 1947 से पहले बनाई गई है और चार दशक से उसमें डाकखाना चल रहा है।