नोएडा। एनसीआर क्षेत्र से बाहर राज्यों के लोगों को लोन व बीमा के नाम सीधे-साधे लोगों को अपने जाल में फंसा कर उनके साथ ठगी करने वाले एक गैंग के दो पुरुष और नौ महिलाओं सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने 25 मोबाइल, 81 डाटा शीट, एक रजिस्टर, एक ब्लैक डायरी, 2 फर्जी आधार कार्ड सहित अन्य सामान बरामद किया है। पूछताछ के दौरान इन बदमाशों ने हजारों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने की बात स्वीकार की है। पुलिस इनके बैंक खातों में जमा लाखों रुपए की रकम को सीज कर रही है।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि एक सूचना के आधार पर थाना सेक्टर-49 पुलिस और क्विक रिस्पांस टीम ने होशियारपुर गांव में छापेमारी की। यहां पर एक अवैध कॉल सेंटर चल रहा था। उन्होंने बताया कि मौके से पुलिस ने आशीष कुमार उर्फ अमित, जितेंन्द्र वर्मा उर्फ अभिषेक, निशा उर्फ स्नेहा पुत्री शैलेन्द्र प्रसाद, रेजू उर्फ दिव्या पुत्री छोटेलाल पत्नी उदयराज, लवली यादव उर्फ स्वेता पुत्री वीरेन्द्र सिंह पत्नी बन्टी यादव, पूनम उर्फ पूजा पुत्री रमेशचन्द्र पत्नी सत्येन्द्र सिंह, आरती कुमारी उर्फ अनन्या पुत्री ओमप्रकाश गौतम, काजल कुमारी उर्फ सुर्ती पुत्री विजय कुमार चौधरी, सरिता उर्फ सुमन पुत्री तेरसीराम, बबीता पटेल उर्फ माही पुत्री गुलाबचन्द पटेल तथा गरिमा चौहान उर्फ सोनिया पुत्री बबलू चैहान को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि इनके पास से पुलिस ने 25 मोबाइल फोन, फर्जी आधार कार्ड, रजिस्टर आदि बरामद किया है। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि ये लोग उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, मध्य प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में रहने वाले लोगों को सस्ते दर पर लोन दिलवाने के नाम पर अपने झांसे में लेते थे तथा उनसे लोन की प्रक्रिया के विभिन्न कारण बताकर अपने खाते में रकम डलवा लेते थे। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने हजारों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने की बात स्वीकार की है।
उन्होंने बताया किअभियुक्त आशीष ने पूछताछ में बताया कि वह यहां पर इस सेन्टर को चला रहा है। जिसमें यह सभी लोग कमीशन पर मेरी मदद करते है, जिसका जितना कार्य होता है, उसका उतना कमीशन कैश के रूप में मिल जाता है। मैंने पीएनबी बैंक का एक एकाउन्ट जोकि अरविन्द नाम के व्यक्ति कर्नाटक में रहता है से 10 हजार रूपये महीने पर किराये पर लिया है। उसका डेबिट कार्ड एटीएम भी मेरे पास है। जैसे ही इसमें पैसे आ जाते है, मैं एटीएम से जाकर पैसें निकाल लेता हूँ।
एक काली डायरी है मेरे पास जिसके अन्दर पैसे का लेन-देन का हिसाब लिखा है तथा मौजूद सभी लडके व लड़कियों से कड़ाई से पूछताछ की गयी तो बरामद सामान एवं काम करने के तरीके के बारे में पूछने पर सभी ने बताया की हम सब लोग मिल कर दिल्ली एनसीआर के बाहर के राज्यों के भोले-भाले लोगों को टारगेट करते है, जिन्हें बीमा पालिसी व लोन के नाम पर किराये पर लिये गये एकाउन्ट में पैसे ट्रांसफर कराते है, जिसे एटीएम से आशीष व जितेन्द्र निकालकर हम सभी लोग अपना अपना हिस्सा बाँट लेते है, जिसमें बडी हिस्सेदारी जितेन्द्र व आशीष की होती है।