मेरठ। मोर्हरम की तीसरी तारीख को भी शहर सहित जै़दी फार्म, लोहिया नगर में हज़रत इमाम हुसैन और शौहदाये कर्बला की याद में इमामबारगाहों और अज़ाखानों में मजलिसे हुई और जुलूसों का सिलसिला जारी रहा।
इमामबारगाह जाहिदियान से रात्री 7ः00 बजे 62वां जुलूस अलम-ए-मुबारक और करबला ईराक से आया परचम हजरत-ए-अब्बास या हुसैन या अब्बास की सदाओं के बीच गमगीन माहौल में हाजी शमशाद अली जै़दी, युसूफ अली जै़दी के प्रबन्ध में बरामद हुआ इससे पूर्व सुहैल अस़गर ने सौजख्वानी की और मौलाना अमीर आलम ने मंजलिस में हजरत अब्बास की शुजाअत और शहादत बयां की। जुलूस में तन्जीम-ए-अब्बास के सफदर अली दारैन जिया, काशिफ जै़दी, अंजुमन दस्तये हुसैनी के साहिबे ब्याज़ हुमायूं अब्बास ताबिश, गज़ाल रजा, अन्जुमन इमामिया के वाजिद अली गप्पू, चांदमिया, रविश, मीसम ने, आदि ने पुरसौज़ नौहे पढ़े।
मगरिब की नमाज़ का समय होने पर शिया शाही मस्जिद में नमाज़ अदा की गयी, इसके बाद जुलूस कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पैंठ बाजार, बुढ़ाना गेट चैकी, सुभाष बाजार चैक से गुजरता हुआ हसन अली जै़दी मरहूम के अज़ाखाने जाहिदियान पहुंच कर सम्पन्न हुआ। जहां नजर नियाज़ का एहतमाम किया गया। जुलूस की व्यवस्था अज़हर अब्बास, कमर अब्बास, हैदर हसन, सुल्तान हैदर, कैफ जै़दी, अकबर हसन, राहत अली सम्भाले हुये थे, मौहर्रम कमेटी के संयोजक हाजी शाह अब्बास सफवी, मौमिन हसन एडवोकेट, गुड्डू, डा0 सरदार हुसैन, अली हैदर रिज़वी, शकील जै़दी, तालिब अली जै़दी, मासूम असगर, नियाज़ हुसैन गुड्डू सहित बड़ी संख्या में हुसैनी सौगवार शरीक रहे।